हम सोचते हैं कि निम्बू में विटामिन सी होता है, विटामिन सी तो होता ही है पर इसके अलावा निम्बू में विटामिन बी, कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, प्रोटीन और कार्बोहायड्रेट भी…
आयुर्वेद की प्रसिद्ध, चमत्कारी और सर्वोत्तम औषधि है मकरध्वज. और आज मैं आपको यह वाली स्वर्ण मुक्ता युक्त सिद्ध मकरध्वज की जानकारी देने वाला हूँ. आयुर्वेदानुसार यह हर तरह रोगों…
तेजपत्ता को तेजपत्र, तेजपान, तमालका, तमालपत्र, तेजपात, इन्डियन केसिया आदि आदि नामों से जाना जाता है, हमारे यहाँ इसे तिस पत्ता कहा जाता है. तेजपत्ता की खेती हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड,…
चन्दनादि लौह हर तरह के प्रमेह की असरदार आयुर्वेदिक औषधि है. इसके इस्तेमाल से प्रमेह, पेशाब के साथ मेह, शुक्र, पस सेल्स, ब्लड सेल्स, फॉस्फेट, साल्ट, प्रोटीन वगैरह आने की…
द्राक्षावलेह क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो लिवर की बीमारियों के लिए बेहद असरदार है. तो आईये जानते हैं द्राक्षावलेह का कम्पोजीशन, इसके फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल - द्राक्षावलेह…
कामिनीविद्रावण रस क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो पुरुष यौन रोगों में बेहद असरदार है. यह वीर्य को गाढ़ा कर स्तम्भन शक्ति को बढ़ाती है और शीघ्रपतन को दूर करती है.…
अग्निवर्धक वटी क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो भूख बढ़ाती है, इसके इस्तेमाल से पेट का भारीपन, पेट फूलना, मन्दाग्नि, कब्ज़ और खट्टी डकार आना जैसी प्रॉब्लम दूर होती है. तो…
गुल्मकालानल रस क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो गुल्म या पेट में गोला बनने वाली बीमारी में बेहद असरदार है. तो आईये जानते हैं गुल्मकालानल रस के घटक या कम्पोजीशन, इसके…
हब्बे निशात यूनानी दवा है जो मर्दों की बीमारियों के लिए असरदार है. इसके इस्तेमाल से मर्दाना कमज़ोरी, नामर्दी, वीर्य का पतलापन, स्पर्म काउंट की कमी और जल्द फारिग़ होना…
वातगजांकुश रस जो है वात रोगों की आयुर्वेद की जानी-मानी औषधि है जो गठिया, साइटिका, लकवा, Spondylosis और जकड़न जैसे वात रोगों में प्रयोग की जाती है. तो आईये जानते…
अर्क़ मकोह जो है पेट, आंत, लिवर-स्प्लीन की सुजन और लिवर की बीमारियों जैसे जौंडिस, हेपेटाइटिस, लिवर सिरोसिस के लिए बेजोड़ दवा है जिसे यूनानी और आयुर्वेदिक दोनों चिकित्सा पद्धति…