Yakuti Rasayan | याकूती रसायन

 

yakuti ras


आज की जानकारी याकूती रसायन के बारे में. इसे याकूती रस के नाम से भी जाना जाता है यह हार्ट प्रोटेक्टिव और Nervine टॉनिक है जो हृदय की निर्बलता, सन्निपात और मस्तिष्क की दुर्बलता जैसे रोगों में प्रयोग की जाती है. तो आईये जानते हैं याकूती रसायन के गुण, उपयोग और निर्माण विधि के बारे में सबकुछ विस्तार से – 

याकूती रसायन एक स्वर्णयुक्त आयुर्वेदिक औषधि है जो अम्बर, केशर जैसे बहुमूल्य चीज़ों के मिश्रण से बनती है. 

याकूती रसायन के घटक या कम्पोजीशन 

 इसके घटक या कम्पोजीशन की बात करें तो इसे बनाने के लिए चाहिए होता है माणिक्य पिष्टी, पन्ना पिष्टी, प्रवाल पिष्टी, कहरवा पिष्टी, चन्द्रोदय, सोने का वर्क़, अम्बर, कस्तूरी, आबेरेशम कतरा हुआ और केशर प्रत्येक 20-20 ग्राम, बहमन सफ़ेद, बहमन सुर्ख, जायफल, लौंग और सफ़ेद मिर्च का कपड़छन चूर्ण प्रत्येक 10-10 ग्राम और गुलाब जल प्रयाप्त मात्रा में.

याकूती रसायन की निर्माण विधि 

सबसे पहले चन्द्रोदय को खरल करें इसके बाद कस्तूरी और अम्बर को छोड़कर दूसरी सभी चीज़ मिक्स कर लगातार 21 दिनों तक गुलाब जल में खरल करना होता है. अम्बर और कस्तूरी लास्ट दिन में मिक्स कर खरलकर 125mg की गोलियां बनाकर छाया में सुखाकर रख लिया जाता है. यही याकूती रसायन या याकूती रस है. आज के समय में कस्तूरी नहीं मिलती, जिस से इसका वैसा लाभ नहीं मिलता जैसा पहले के समय में वैद्यगण इसे बनाकर प्रयोग करते थे. 

इसे ऑनलाइन ख़रीदने का लिंक – 

Baidyanath Yakuti Ras (10Tablet) 

Baidyanath Yakuti Ras 

YAKUTI RAS (1GM)

याकूती रसायन की मात्रा और सेवन विधि 

एक-एक गोली सुबह-शाम शहद, खमीरा गाओज़बाँ या उचित अनुपान से 

याकूती रसायन के गुण 

यह वात और पित्त नाशक है, तासीर में शीतल है. रसायन, हृदय और मस्तिष्क को बल देने वाला और चिंता-तनाव नाशक गुणों से भरपूर होता है. 

याकूती रसायन के फ़ायदे 

  • हृदय की दुर्बलता, हृदय का अनियमित स्पन्द, थोड़ा सा भी चलने पर दम फूलना, घबराहट, पसीना आना जैसे हार्ट की कमज़ोरी से  होने वाले सभी लक्षणों में इसके सेवन से लाभ होता है. 
  • वातज और पित्तज सन्निपात में वैद्यगण इसका प्रयोग करते हैं. 
  • अत्यधिक मानसिक कार्य करने से दिमाग कमज़ोर होना, भूलने की बीमारी, आलस्य, क्रोध, शक्की होना, पाचन ख़राब हो जाने में इसके सेवन से लाभ होता है. 
  • डिप्रेशन, नींद नहीं आना, जीवन से निराश होना इत्यादि मानसिक विकारों में भी लाभकारी है. 
  • अधीक वीर्य-स्राव और शुक्रक्षय से उत्पन्न पुरुष रोगों में भी इसके सेवन से लाभ होता है.
  • हार्ट, ब्रेन और नर्वस सिस्टम पर इसका अच्छा प्रभाव होता है, तो इसी को ध्यान में रखकर इसका उपयोग करना चाहिए. इसे वैद्य जी की सलाह से ही सेवन करें. 

तो यह थी आज की जानकारी याकूती रसायन के बारे में. इसके बारे में कोई सवाल हो तो कमेंट कर पूछिये 

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