Ushirasava Benefits and Usage | उशीरासव के फ़ायदे



उशीरासव क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो हर तरह की ब्लीडिंग को रोकती है. इसके अलावा पेशाब की इन्फेक्शन, बॉडी की गर्मी, जलन और खून की ख़राबी को भी दूर करती है. तो आईये जानते हैं उशीरासव का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल – 


उशीरासव जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है इसका मुख्य घटक उशीर नाम की जड़ी होती है, यह आसव या सिरप के रूप में होता है.


उशीरासव का कम्पोजीशन-


इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें कई तरह की जड़ी-बूटियाँ मिली होती हैं जैसे- 


उशीर, नेत्रबला, नील कमल, लाल कमल, सफ़ेद कमल, प्रियंगु, गम्भारी, लोध्र, पद्माख, मंजीठ, धमासा, पाठा, चिरायता, बरगद, उदम्बर, कांचनार, जामुन, पित्तपापड़ा, कचूर, पटोलपत्र, मोचरस प्रत्येक 50-50 ग्राम, मुनक्का 1 किलो, धातकी 750 ग्राम, चीनी 5 किलो, शहद ढाई किलो और पानी 25 लीटर का मिश्रण होता है. जिसे आसव निर्माण विधि से इसका सिरप बनाया जाता है. 


उशीरासव के गुण –


आयुर्वेदानुसार यह रक्तपित्त नाशक है, तासीर में ठंडा, खून का बहना रोकने वाला(Hemostatic) पेशाब साफ़ लाने वाला, बॉडी की गर्मी और जलन दूर करने वाला और रक्तशोधक जैसे गुणों से भरपुर होता है. 


उशीरासव के फ़ायदे- 


बॉडी में कहीं से भी होने वाली ब्लीडिंग को रोकने की यह असरदार दवा है. नाक-मुँह से ब्लीडिंग होना, ख़ूनी बवासीर, रक्त प्रदर, पीरियड की हैवी ब्लीडिंग और दूसरी हर तरह की ब्लीडिंग में इसका इस्तेमाल किया जाता है. 


रक्तपित्त या बॉडी में गर्मी बढ़ जाने, हाथ-पैर या बॉडी में जलन होने में यह फ़ायदा करती है. 


पेशाब की जलन, पेशाब की इन्फेक्शन, बॉडी की सुजन और पेट के कीड़ों को भी दूर करती है. 


पित्त बढ़ने या गर्मी की वजह से होने वाले स्वप्नदोष में भी असरदार है. 


रक्तशोधक गुण होने से यह खून को साफ़ कर ब्लड इम्पुरिटी को दूर करती है. 


उशीरासव की मात्रा और सेवनविधि –


15 से 30 ML सुबह शाम बराबर मात्रा में पानी मिक्स कर लेना चाहिए भोजन के बाद. बच्चों को कम डोज़ में देना चाहिए. यह ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है, सही डोज़ में लेने से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है. डाबर के 450 ML के बोतल की किमत 160 रुपया है, इसे आयुर्वेदिक दवा दुकान से या फिर ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं.

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