यह एक पॉपुलर यूनानी दवा है जो कई तरह की बीमारियों में इस्तेमाल की जाती है, तो आईये इसके बारे में पूरी डिटेल्स जानते हैं –
शर्बत बजूरी मातदिल यूनानी दवा है जिसे हकीम लोग इस्तेमाल कराते हैं, और आयुर्वेद में भी इसका प्रयोग किया जाता है. सबसे पहले जानते हैं,
शर्बत बजूरी मातदिल का कम्पोजीशन
इसे बनाने के लिए चाहिए होता है खरबूजा के बीज, खीरा के बीज, ककड़ी के बीज, कासनी के बीज और सौंफ़ की जड़ सभी 10-10 ग्राम. कासनी की जड़ 20 ग्राम, चीनी 60 ग्राम
बनाने का तरीका यह है कि सभी को मोटा-मोटा कूटकर क़रीब एक लिटर पानी में शाम को भीगा दें और सुबह हल्की आँच पर उबाल लें. जब आधा पानी बचे तो छानकर चीनी मिला थोड़ा उबालकर शर्बत बनाकर रख लें. यही शर्बत बजूरी मातदिल है, वैसे यह बना-बनाया मार्केट में मिल जाता है.
शर्बत बजूरी मातदिल के फ़ायदे
यह बॉडी की गर्मी को दूर करता है, लिवर-किडनी को दुरुस्त करता है और पेशाब साफ़ लाता है.
सुज़ाक या पूयमेह, पेट और मसाने की गर्मी, लिवर का बढ़ जाना, पेशाब साफ़ नहीं होना जैसी प्रॉब्लम में इसे सपोर्टिंग मेडिसिन के रूप में लेना चाहिए.
एसिडिटी, सिने की जलन, किडनी, गालब्लैडर की पथरी, ताप, अंदरूनी बुखार में भी दूसरी दवाओं के साथ इसे ले सकते हैं.
शर्बत बजूरी मातदिल का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका
25 से 50 ML तक अर्क गाओज़बाँ या पानी के साथ रोज़ दो-तीन बार तक लेना चाहिए. बीमारी और उम्र के हिसाब से ही इसका डोज़ देना चाहिए. यह ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट या नुकसान नहीं होता है, बस कुछ सर्द मिजाज़ वालों को ठण्डा कर सकती है. इसे आप ऑनलाइन भी ख़रीद सकते हैं जिसका लिंक दिया गया है-