यह एक पॉपुलर यूनानी दवा है जो कब्ज़ और पेट की बीमारियों के लिए इस्तेमाल की जाती है. आईये जानते हैं इस में पड़ने वाली जड़ी-बूटियों, इसे बनाने का तरीका और फायदे के बारे में –
क़ुर्स मुलय्यन का कम्पोजीशन
इसे बनाने के लिए चाहिए होता है काबुली हर्रे, काली हर्रे, बहेड़ा, आमला और निशोथ प्रत्येक 10-10 ग्राम, सौंफ़, मस्तगी, उस्तखुद्दुस और रेवंद चीनी प्रत्येक 30-30 ग्राम और सकमूनिया 75 ग्राम
क़ुर्स मुलय्यन बनाने का तरीका
सभी जड़ी-बूटियों का बारीक चूर्ण कर सकमूनिया में मिलाकर खरल कर गिला होने के लिए थोड़ा पानी मिक्स कर 500 mg की गोलियाँ बनाकर सुखाकर रख लें. यही क़ुर्स मुलय्यन है.
क़ुर्स मुलय्यन का डोज़
दो से चार गोली तक पानी से
क़ुर्स मुलय्यन के फ़ायदे
यह क़ब्ज़ या Constipation को दूर करती है, उदर शुद्धी करती है. पेट का भारीपन को दूर कर मेदे को दुरुस्त करती है.