मिर्गी की बीमारी जाएगी जड़ से | Epilepsy Treatment in Ayurveda – Lakhaipur.com

आज मैं बता रहा हूँ मृगी या एपिलेप्सी ट्रीटमेंट के बारे में यानि मृगी में असरदार आयुर्वेदिक योग के बारे में. यह एक ऐसी बीमारी है जिस से रोगी का जीवन ख़तरे में पड़ जाता है और इसका दौरा कब और कहाँ पड़ेगा कोई नहीं जानता है.

तो आईये जानते हैं एपिलेप्सी का कम्पलीट आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट – 

इसके लिए जो आयुर्वेदिक दवाएँ चलाई जाती हैं वो कुछ इस तरह से हैं

1) स्मृति सागर रस 1 टेबलेट + वातकुलान्तक रस 1 टेबलेट + शंखपुष्पी 2 टेबलेट सभी मिलाकर एक ख़ुराक दिन में दो बार सुबह शाम

2) बच का चूर्ण 2 ग्राम + असगंध चूर्ण 2 ग्राम + सारस्वत चूर्ण 2 ग्राम सभी मिलाकर एक ख़ुराक शहद में मिलाकर सुबह शाम

3) अश्वगंधारिष्ट 2 चम्मच और सारस्वतारिष्ट 2 चम्मच एक कप पानी मिलाकर दिन में दो बार भोजन के बाद

यहाँ बताई गयी मात्रा व्यस्क व्यक्ति की है, कम उम्र  के लोगों को कम डोज़ में देना चाहिए

स्मृति सागर रस, वातकुलान्तक रस, शंखपुष्पी टेबलेट, अश्वगंधारिष्ट, सारस्वतारिष्ट और सारस्वत चूर्ण आयुर्वेदिक दवा दुकान में मिल जायेगा जबकि बच और असगंध जड़ी बूटी की दुकान से लाकर चूर्ण बना लेना चाहिए. बच दो तरह की होती है मीठी बच और घोड़बच, यहाँ इस योग में मीठी बच का इस्तेमाल करना है.



बताये गए योग को कम से कम छह महिना या अधीक समय तक प्रयोग करने से मृगी की बीमारी दूर हो जाती है. इसमें बताई गयी दवाएँ आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से लेना चाहिए. इन दवाओं को यूज़ करते हुवे दुसरे विडियो में बताया गया टोटका भी यूज़ कर सकते हैं.

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *