पिप्पली के फ़ायदे और घरेलु प्रयोग | Pippali Ke Fayde | Benefits of Piper Longum



आज आप जानेंगे पिप्पली के फ़ायदे और इसके कुछ घरेलु प्रयोग के बारे में 


जड़ी बूटी की थोड़ी भी जानकारी रखने वाला आदमी पिप्पली को ज़रूर जानता है 


इसे पीपल, छोटी पीपल, पीपर और पिप्पली के नाम से जाना जाता है अंग्रेज़ी में इसे Piper Longum कहते हैं 


यहाँ मैं बताना चाहूँगा की पीपल नाम का वृक्ष भी होता है पर यहाँ हम उसकी बात नहीं कर रहे


मैं यहाँ पिप्पली की बात कर रहा हूँ जो कि लता वाला झाड़ीदार पौधा होता है 



इसके फल और इसकी जड़ का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है, इसी पिप्पली के जड़ को पिपलामुल या पिपरामूल के नाम से जाना जाता है 


पिप्पली आयुर्वेदिक दवाओं का अभिन्न अंग है, पिप्पली का प्रयोग लगभग हर आयुर्वेदिक दवा में होता है 


त्रिकटु का प्रयोग आयुर्वेदिक दवाओं में होता है इसी त्रिकटु में पिप्पली मिलायी जाती है


पिप्पली, सोंठ और काली मिर्च के बराबर मात्रा के मिश्रण को आयुर्वेद में ‘त्रिकटु’ कहते हैं 


पिप्पली को पंसारी के यहाँ से लेकर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं 





आईये जानते हैं इस छोटी सी काली पिप्पली के बड़े-बड़े फ़ायदे के बारे में – 
दो-तीन पिप्पली पीसकर शहद में मिलाकर चाटने से अस्थमा, खांसी के साथ बुखार होना और  मलेरिया भी  ठीक होता है


पीपलामूल या पीपल की जड़ का काढ़ा बनाकर सुबह शाम पिने से बुखार ठीक हो जाता है, हर तरह के बुखार में इस से फ़ायदा होता है 


फ्लू होने पर पिप्पली और सोंठ को दूध में उबाल कर पिने से फ़ायदा होता है 


मोटापा में भी पिप्पली के इस्तेमाल से फ़ायदा होता है इसके लिए पिप्पली के चूर्ण को शहद में मिलाकर सुबह-शाम चाटना चाहिए. या फिर 2 पिप्पली को दूध में उबाल कर खाएं और ऊपर से दूध पी लें 


पिप्पली के पत्ते दस्त बंद करते हैं, इसे उबाल कर पिने से फ़ायदा होता है 





थाइरोइड के लिए –


पिप्पली, पिपलामुल, च्वय, सोंठ और चित्रकमूल सभी को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर पिने से Thyroid में फ़ायदा होता है और मोटापा भी कमता है 


दर्द और वात विकारों में पिपलामुल का काढ़ा पिने से दर्द दूर होता है 


कोलेस्ट्रॉल कम करने और ह्रदय रोग को दूर करने के लिए –


पिप्पली के चूर्ण को शहद के साथ लेने से बढ़ा हुवा कोलेस्ट्रॉल नार्मल हो जाता है और हार्ट के रोगों में भी फ़ायदा होता है 


महिलाओं के पीरियड्स के दर्द और इस से रिलेटेड दूसरी प्रॉब्लम में भी पिपलामुल का काढ़ा पिने से फ़ायदा होता है 


नींद कम आना या नींद नहीं आती हो तो सोने से पहले एक चम्मच पिप्पली पाउडर खाकर दूध पिने से अच्छी नींद आने लगती है 


पिप्पली के चूर्ण में शहद मिलाकर चाटने से कई तरह के रोग ठीक होते हैं जैसे गला ख़राब होना, गले की ख़राश, खांसी, सर्दी, जुकाम और अस्थमा के रोगी को भी इस से फ़ायदा होता है 


आयुर्वेद में अस्थमा के लिए पिप्पली कल्प को बहुत ही असरदार बताया गया है इसे पूरा करने में 21 दिन लगते हैं, तो आईये जान लेते हैं कि 





पिप्पली कल्प कैसे करना चाहिए –


इसके पहले दिन एक पिप्पली को एक ग्लास दूध में उबाल लें और पिप्पली को खाकर दूध पी जाएँ


इसी तरह 1-1 पिप्पली बढ़ाते हुवे 11 दिन में 11 पिप्पली तक जाएँ और फिर 1-1 कम करते हुवे 1 पिप्पली से अंत कर दें 


इस तरह 21 दिन में कल्प पूरा हो जाता है और कफ़ और अस्थमा की प्रॉब्लम दूर होती है और शरीर के दुसरे विकार भी दूर होकर स्वास्थ सुधर जाता है 


पिप्पली को पानी के साथ पीसकर सर पर लेप करने से सर दर्द दूर होता है, पिप्पली और बच का चूर्ण बनाकर खाने से कैसा भी सर्द दर्द हो ठीक हो जाता है 


लीवर और स्प्लीन बढ़ने पर भी पिप्पली और पीपलामूल के काढ़े को पिने से बहुत फ़ायदा होता है 


पिप्पली बुखार को ठीक करने के लिए बेहतरीन औषधि है इसके बारे में 


एक सच्ची घटना आपसे शेयर करना चाहूँगा – 


जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि कोई भी बीमारी होती है तो लोग सबसे पहले अंग्रेज़ी दवा के डॉक्टर के पास जाते हैं, और लास्ट में थक हार कर आयुर्वेद की  शरण में आते हैं 


ऐसे ही एक आदमी को बुखार लगी तो शहर के नामी अंग्रेज़ी डॉक्टर के बॉस गया और डॉक्टर ने कई तरह कि जाँच के बाद एंटी बायोटिक दवाईयां दी 


एंटी बायोटिक दवाओं का एक कोर्स होता है 5 दिन 7 दिन या इस से ज़्यादा 


तो डॉक्टर ने एक एंटी बायोटिक खिलाई कोर्स पूरा हुवा फिर भी बुखार नहीं गया, मरीज़ दुबारा गया तो फिर दूसरी एंटी बायोटिक लिख दी और उसे खाने पर भी बुखार नहीं गया, तीसरी बार भी तीसरे तरह की एंटी बायोटिक खाने पर भी जब बुखार नहीं गया तो MBBS MD डॉक्टर ने प्रिस्क्रिप्शन में लिख दिया कि पिप्पली खायो 


मरीज़ तो परेशान था ही, उसने पिप्पली का पाउडर बनाकर खाया और कुछ ही दिनों बुखार ठीक हो गया 


तो दोस्तों आप समझ सकते हैं कि पिप्पली कितना असरदार औषधि है 
ऐसे ही नहीं यह त्रिकटु का हिस्सा है और त्रिकटु के बिना कोई भी शास्त्रीय आयुर्वेदिक औषधि नहीं बनती 


इसी तरह से ह्रदय रोगों में पिप्पली पाउडर को अर्जुन की छाल के चूर्ण के साथ दूध में उबाल कर पिने से बहुत फ़ायदा होता है, जिनका हार्ट कमज़ोर हो उन्हें यह ज़रूर पीना चाहिए 


स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पिप्पली के साथ शतावर के चूर्ण का इस्तेमाल करना चाहिए, इस से दूध भी बढ़ता है और महिलाओं का स्वास्थ ठीक रहता है और साथ ही साथ शिशु जल्दी बीमार नहीं होता 


बच्चों के दांत निकलने समय दर्द, और दस्त की जो प्रॉब्लम होती है उसके लिए पिपलामुल को शहद में घिसकर चटाने से दांत निकलने में आसानी होती है और दस्त में भी फ़ायदा होता है 


तो दोस्तों, ये थे पिप्पली के फ़ायदे. घर बैठे असली पिप्पली ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए गए लिंक से- 



 


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