चन्दनासव मूत्र संक्रमण की आयुर्वेदिक औषधि | Chandanasava Benefits & Use Review By Lakhaipur.com

चन्दनासव एक आयुर्वेदिक सिरप है ख़ासकर पेशाब और किडनी के रोगों में इस्तेमाल किया जाता है, इसके इस्तेमाल से पेशाब की जलन, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, Dysuria, यूरिक एसिड, किडनी की पत्थरी, सिस्ट, किडनी फेलियर और सुजाक जैसे रोग दूर होते हैं

तो आईये अब जानते हैं चन्दनासव के कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल – 


चन्दनासव के कम्पोजीशन की बात करें तो इसे सफ़ेद चन्दन या White Sandal Wood के अलावा दूसरी कई सारी जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनाया जाता है इसमें नेत्रबला, नागरमोथा, गम्भारी, नील कमल, प्रियंगु, पद्माख, लोध्र, मंजीठ, लाल चन्दन, पाठा, चिरायता, बरगद, आम की छाल, मोचरस, धायफुल, द्राक्षा, शर्करा और गुड़ के मिश्रण को आसव निर्माण विधि द्वारा आसव या सिरप बनाया जाता है



चन्दनासव के गुण – 

चन्दनासव गुण में शीतल होता है, एंटी बैक्टीरियल, पत्थरी के कारन को रोकने वाला, एंटी ऑक्सीडेंट, Diuretic, पेशाब की जलन और शरीर की जलन को कम करने वाला, ह्रदय को शक्ति देने वाला और एंटी गाउट भी होता है

चन्दनासव के फ़ायदे- 

चन्दनासव शीतल प्रकृति का और मूत्रल गुणों से भरपूर होने के कारन पेशाब की जलन, पेशाब का इन्फेक्शन, शरीर की जलन, किडनी स्टोन और किडनी फेलियर में इसका प्रयोग करना चाहिए

शरीर में अधीक गर्मी हो, जलन हो तो इसका इस्तेमाल ज़रुर करना चाहिए

पेशाब की इन्फेक्शन या UTI में इसके साथ चंद्रप्रभा लेना चाहिए. इसी तरह से किडनी की प्रॉब्लम में इसके साथ दूसरी सहायक औषधि लेने से अच्छा फ़ायदा होता है. किडनी स्टोन में इसके साथ में गोक्षुरादी गुग्गुल और सिस्टोंन ले सकते हैं



चन्दनासव की मात्रा और सेवन विधि –

15 से 30 ML तक बराबर मात्रा में पानी मिलाकर भोजन के तुरन्त बाद दिन में दो बार लेना चाहिए

चन्दनासव ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है. इसे आयुर्वेदिक मेडिकल से या फिर ऑनलाइन खरीद सकते हैं.

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