Suran Vati | सूरणबटक/ सूरण वटी के फ़ायदे

 

suran vatak ke fayde


सूरणबटक जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है सूरण कन्द इसका एक घटक होने से इसका नाम सूरणबटक रखा गया है. सूरण को ही ओल और यम जैसे नामों से जाना जाता है.

सूरणबटक के घटक द्रव्य 

यह आयुर्वेदिक ग्रन्थ शारंगधर संहिता का योग है, इसे बनाने के लिए चाहिए होता है 

सूरण कन्द और विधारा बीज प्रत्येक 16 भाग, स्याह मूसली, चित्रकमूल-छाल प्रत्येक 8 भाग, हर्रे, बहेड़ा, आमला, वायविडंग, सोंठ, पीपल, शुद्ध भिलावा, पीपलामूल और तालिशपत्र प्रत्येक 4-4 भाग, काली मिर्च, दालचीनी और छोटी इलायची प्रत्येक 2 भाग, गुड़ सभी जड़ी-बूटियों के वज़न के बराबर.

सूरणबटक निर्माण विधि 

सभी जड़ी-बूटियों का बारीक चूर्ण बनाने के बाद गुड़ की चाशनी बनाकर मिक्स कर अच्छी तरह से कुटाई करने के बाद 500 मिलीग्राम की गोलियाँ बनाकर सुखाकर रख लिया जाता है. यही सूरणबटक कहलाता है. 

सूरणबटक की मात्रा और सेवन विधि 

दो से चार गोली तक सुबह-शाम गर्म दूध या गर्म पानी से लेना चाहिए 

सूरणबटक के फ़ायदे 

जैसा की शुरू में ही कहा हूँ बवासीर की पॉपुलर मेडिसिन है. यह जठराग्नि को तेज़ कर पाचन को सुधारती है. 

बवासीर-भगन्दर इत्यादि को दूर कर शरीर को शक्ति देती है. 

मूल ग्रन्थ के अनुसार श्वास, कास, क्षय रोग, हिचकी, प्रमेह, प्लीहा इत्यादि रोगों में भी यह असरदार है. 

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स्थानीय वैद्य जी की सलाह से ही इसका सेवन करें. 



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