Spirulina Benefits Side Effects in Hindi | स्पिरुलिना के फ़ायदे और नुकसान



स्पिरुलिना एक ऐसी वनस्पति है जिसे दुनियाभर में सुपर फ़ूड की तरह इस्तेमाल किया जाता है, यह ज़रूरी विटामिन्स और पोषक तत्वों से भरपूर होता है जिस से कई तरह की बीमारियों में फ़ायदा होता है. तो आईये जानते हैं स्पिरुलिना के फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल – 


सबसे पहले जानते हैं कि स्पिरुलिना है क्या चीज़?


स्पिरुलिना जो है पानी में पाया जाने वाला एक तरह का शैवाल है जिसे जलीय वनस्पति कह सकते हैं जो कि हरे रंग का होता है. यह प्राकृतिक झरनों, झीलों और नदियों में पाया जाता है. 


स्पिरुलिना विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होता है, एक तरह से यह पोषक तत्वों का भंडार होता है. इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, मैग्नीशियम, आयरन और विटामिन्स से भरपूर होता है. 


अगर दूसरी चीज़ों से Compare करे तो इसमें पालक से पचास गुना ज़्यादा आयरन होता है, दूध से पांच गुना ज़्यादा कैल्शियम, सोया बीन से तीन गुना ज़्यादा प्रोटीन, गाजर से दस गुना ज़्यादा बीटा कैरोटीन होता है. 


स्पिरुलिना के फ़ायदे- 


  • ब्लड प्रेशर, ह्रदय रोग और कोलेस्ट्रॉल के लिए –



ये आपके खून से कोलेस्ट्राल का लेवल कम करके BP को नार्मल करता है. इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों में कई ऐसे हैं जिनसे ह्रदय में रक्त संचार प्रभावी ढंग से बढ़ता है. इसकी सहायता से ह्रिदय के तमाम जोखिमों को कम किया जा सकता है.


  • प्रेगनेंसी के लिए – 



आयरन की प्रचुर मात्रा स्पिरुलिना को गर्भावस्था के दौरान एक आवश्यक आहार बनाता है. इसकी सहायता से अनीमिया को दूर किया जा सकता है. कब्ज वगैरह के लिए भी ये बेहद कारगर साबित होता है.






  • त्वचा के लिए-



स्पिरुलिना में त्वचा के स्वास्थ्य के लिए जरुरी विटामिन ए, बी-12, ई, फास्फोरस, लोहा और कैल्शियम आदि पाए जाते है. अपने इन तत्वों की बदौलत स्पिरुलिना आपकी त्वचा को नर्म-मुलायम और चमकदार बनाती है. यही नहीं ये आँखों के निचे के धब्बे और ड्राई आईज के उपचार में भी लाभदायक है.


  • शुगर या डायबिटीज के लिए –



मधुमेह के मरीजों के लिए भी स्पिरुलिना काफी असरदार है. इसे नियमित रूप से लेने से आपका शुगर कम होता है. ये सूजन को कम करके रक्तचाप और कोलेस्ट्राल का स्तर भी निचे लाता है.


  • पेट के रोगों गैस्ट्रिक और अल्सर के लिए – 



उच्च गुणवत्ता वाली प्रोटीन, सिस्टीन और एमिनो एसिड की इसमें उपस्थिति इसे ड्यूइडनल अल्सर और गैस्ट्रिक के लिए फ़ायदेमंद है. इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला क्लोरोफिल पाचन शक्ति को इम्प्रूव करता है. 


  • कैंसर से बचाव के लिए – 



अनेकों पोषक तत्वों से परिपूर्ण स्पिरुलिना कैंसर के रोकथाम में भी सकरात्मक भूमिका निभाती है. ये  एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में ये हमारे शरीर से फ्री रेडिकल्स को नष्ट करता है. जाहिर है फ्री रेडिकल्स कैंसर का कारण बनते हैं. इसके अतिरिक्त इसमें फिनोलिक नामक यौगिक भी उपस्थित रहता है जो कि कार्सिनोजेनेसिस पर रोक लगाता है.


  • मोटापा दूर करने के लिए – 



जिनका वजन बहुत ज्यादा है उनके लिए इसका सेवन राम बाण साबित होता है. क्योंकि इसमें फैटी एसिड, बीटा कैरोटिन, क्लोरोफिल और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं. ये सब मिलकर आपके शरीर में पोषक तत्वों की उपथिति को बनाए रखते हुए आपका भूख कम करते हैं. जिससे कि आपका वजन कम होता है.


  • लीवर को दुरुस्त रखने में-



स्पिरुलिना में प्रचुर मात्रा में मौजूद फाइबर और प्रोटीन आपके लीवर के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं. लीवर के सामान्य कामकाज को बढ़ाने के अलावा यह लीवर को पुराने हेपेटाईटिस के मरीजों के लिए लाभकारी साबित होता है.






  • आँखों की बीमारियों के लिए-



कई शोधों में स्पिरुलिना को आँखों के लिए भी लाभदायक बताया गया है. आँखों के कई बीमारियों जैसे कि जेराट्रिक मोतियाबिंद, नेफ्रैटिक रेटिनल क्षति, मधुमेह रेटिनल क्षति आदि के उपचार में इसका सकारात्मक प्रभाव देखा गया है.


  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए –



स्पिरुलिना को लेकर कई शोध हुए हैं. इनमें से कई शोधों में ये पता चला है कि इसके सेवन से इम्युनिटी पॉवर बढ़ती है और कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ाने में भी ये सहायक सिद्ध होता है.


  • वायरल संक्रमण में-



स्पिरुलिना का इस्तेमाल वायरल इन्फेक्शन के उपचार में सहायक के रूप में होता है. इसमें सूजन को कम करने वाले तत्व मौजूद होते हैं. ये हानिकारक मुक्त कणों को नष्ट करके वायरल संक्रमण के असर को कम करता है.


दिमाग तेज़ करने और मानसिक रोगों के लिए –


स्पिरुलिना के इस्तेमाल से दिमाग को ताक़त मिलती है, दिमाग तेज़ होता है, चिंता, तनाव जैसे मानसिक रोगों से बचाता है. 






स्पिरुलिना कोई यूज़ कैसे करते हैं?


इसका टेबलेट एक-एक सुबह शाम ले सकते हैं. पाउडर को पानी से या जूस, ड्रिंक या चाय वगैरह में भी मिक्स कर लिया जाता है. 


आईये अब जानते हैं स्पिरुलिना के नुकसान के बारे में – 


ऑटो इम्यून से पीड़ित व्यक्ति को इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए. इसे लॉन्ग टाइम तक यूज़ नहीं करें और डॉक्टर की सलाह के बिना इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. 


स्पिरुलिना का पाउडर और टेबलेट ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं  निचे दिए गए लिंक से – 




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