Shivtandav Ras | शिवताण्डव रस

 

shivtandav ras

आज की आयुर्वेदिक औषधि का नाम है ‘शिवताण्डव रस’ तो आईये जानते हैं कि शिवताण्डव रस क्या है? इसकी निर्माण विधि और उपयोग के बारे में सबकुछ विस्तार से – 

शिवताण्डव रस 

इसका यह नाम कैसे पड़ा यह तो मुझे नहीं पता पर इसका वर्णन ‘रस तरंग्नी’ में है. इसके घटक और निर्माण विधि कुछ इस प्रकार से है – 

शिवताण्डव रस निर्माण के लिए चाहिए होता है शुद्ध बच्छनाग, रस सिन्दूर, शुद्ध पारद, शुद्ध गंधक और शुद्ध हरताल प्रत्येक 10-10 ग्राम और काली मिर्च का बारीक कपड़छन चूर्ण 40 ग्राम. 

निर्माण विधि यह है कि सबसे पहले पारा-गंधक की कज्जली बनाकर दूसरी सभी चीज़ें मिक्स कर अदरक के रस में घोटकर एक-एक रत्ती की गोलियां बनाकर सुखाकर रख लिया जाता है. यही शिवताण्डव रस कहलाता है. 

इसे सन्निपात रोग की उत्तम औषधि कहा गया है. रोगानुसार मात्रा और अनुपान देना चाहिए. 

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