Neelkanth Ras | नीलकण्ठ रस- क्या हैं इसके उपयोग?

 

neelkanth ras


इस आयुर्वेदिक औषधि को आज का वैद्य समाज भूल गया है तो आईये नीलकण्ठ रस के गुण उपयोग और निर्माण विधि के बारे में सबकुछ जानते हैं- 

आज के समय में नीलकण्ठ रस शायेद की किसी फार्मेसी के बना हुआ मिले, पहले वैद्यगण इसका निर्माण कर अपने क्लिनिक में इसकी एक शीशी अवश्य रखते थे. सिद्धहस्त वैद्यगण इसका निर्माण कर परिक्षण कर सकते हैं. 

नीलकण्ठ रस के घटक और निर्माण विधि 

शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, शंख भस्म और शुद्ध नीला थोथा सभी समान भाग लेकर सबसे पहले पारा-गंधक को खरलकर कज्जली बना लें, इसके बाद दूसरी सभी चीज़ मिलाकर देवदाली के रस की 21 भावना देकर एक-एक रत्ती की गोलियाँ बनाकर सुखाकर रख लें. यही नीलकण्ठ रस है. 

नीलकण्ठ रस की मात्रा और सेवन विधि 

एक-एक गोली अर्क पुदीना के साथ आवश्यकतानुसार 

नीलकण्ठ रस के फ़ायदे 

इसकी एक गोली खाते ही हर तरह की उल्टी रुक  जाती है, बिल्कुल अंग्रेज़ी दवा की तरह तेज़ी से असर करने वाली औषधि है. 

वमन या उल्टी रोकने के लिए बेहद प्रभावशाली है.

कफ़-पित्त दूषित होने के कारन उत्पन्न वमन या उलटी में आशु लाभकारी औषधि है, वैद्यगण इसका निर्माण कर परीक्षा करें. 

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *