Mahachaitas Ghrit | महाचैतस घृत



अगर किसी को मृगी या एपिलेप्सी की बीमारी है या फिर दिमाग की किसी भी तरह की प्रॉब्लम है तो इस अयुर्वेदिक औषधि का सेवन करना चाहिए जिसका नाम है महाचैतस घृत. जी हाँ दोस्तों, तो आईये आज इसी के बारे में चर्चा करते हैं –


महाचैतस घृत दिमाग के रोगों में बेहद असरदार है. यह दिमाग की कमज़ोरी, मेमोरी लॉस से लेकर मृगी और पागलपन तक में फ़ायदा करती है.


महाचैतस घृत के घटक या कम्पोजीशन –


यह एक ऐसी बेजोड़ औषधि है जिसे अनेकों प्रकार की जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनाया जाता है. इसे बनाने के लिए आठ तरह की जड़ी-बूटियों का क्वाथ और 40 तरह की जड़ी-बूटियों का कल्क और देशी गाय के घी का प्रयोग होता है. इसे आयुर्वेदिक प्रोसेस घृतपाक विधि से बनाया जाता है. यह चक्रदत्त का योग है. इस से कम असरदार एक औषधि है चैतस घृत जिसमे सिर्फ़ 12 तरह की जड़ी-बूटियाँ मिली होती हैं. 


महाचैतस घृत के फ़ायदे –


  • मानसिक रोगों या दिमाग की बीमारी के लिए आयुर्वेद में घृत वाली जितनी भी औषधियाँ हैं उनमे से यह सबसे बेस्ट और सबसे ज़्यादा असरदार है इसे यूनिक फार्मूलेशन की वजह से.
  • दिमाग की कमज़ोरी, यादाश्त की कमी, मेमोरी लॉस, मृगी और पागलपन जैसे रोगों में इसे दूसरी दवाओं के साथ लेने से निश्चित रूप से लाभ होता है. 
  • मृगी या एपिलेप्सी की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए इसका सेवन करना चाहिए.
  •  मृगी की बेस्ट आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट के लिए आप हमारे विशेषज्ञों की सलाह ले सकते हैं, अधीक जानकारी आपको विडियो की डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगी.



महाचैतस घृत की मात्रा और सेवन विधि –




तीन से छह ग्राम तक मिश्री मिलाकर खायें और ऊपर से दूध पीना चाहिए. बच्चों को कम डोज़ में देना चाहिए. यह बिल्कुल सेफ़ दवा होती है, इसे लॉन्ग टाइम तक यूज़ कर सकते हैं. इसे आयुर्वेदिक दवा दुकान से या फिर ऑनलाइन भी ख़रीद सकते हैं.


 ब्राह्मी घृत के फायदे 

महातिक्त घृत चर्मरोगों की औषधि 

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *