अतरीफल अफतीमून का नुस्खा या कम्पोजीशन
बहुत सारी जड़ी-बुटियों को मिलाकर यह दवा बनाई जाती है. इसके नुस्खे या कम्पोजीशन की बात करूँ तो इसे बनाने के लिए चाहिए होता है-
गुलकन्द सुर्यतापी, मुनक्का बीज निकला हुआ और शहद प्रत्येक 550 ग्राम लेकर अर्क गावज़बाँ, अर्क गुलाब, अर्क दालचीनी और अर्क फरंजमुश्क प्रत्येक आधा लीटर मिलाकर उबालना होता है.
बड़ी हर्रे, आँवला और जरिश्क प्रत्येक 25 ग्राम, गावज़बाँ, पित्तपापड़ा, बिल्ली लोटन, उस्तखुद्दुस, आकाशबेल, अफसंतीन रूमी, फरंजमुश्क, सनाय प्रत्येक 20 ग्राम, बस्फाइज़ फुस्तुकी, निशोथ, रासना, इन्द्रायण, रेवंदचीनी, जरावंद मुदहरज, सौंफ़ रूमी, बालछड़, गिल अरमनी और लाजवर्द प्रत्येक 15 ग्राम, नरम और सफ़ेद गारीकुन 10 ग्राम
हब्ब बल्सां, अगर, दालचीनी, नागकेशर, पहाड़ी पुदीना, नहरी पुदीना, तज और मस्तगी प्रत्येक 7 ग्राम लेकर सब को कूट-पीसकर 120 ग्राम मीठे बादाम के तेल में चर्ब कर पहले वाली पकी हुयी दवा में मिलाकर अच्छी तरह से अतरीफल बना लें. बस यही अतरीफल अफतीमून है.
अतरीफल अफतीमून का डोज़
पांच ग्राम पानी या दूध से लेना चाहिए
अतरीफल अफतीमून के फ़ायदे
यह उन्माद या पागलपन में इस्तेमाल की जाती है. यह तरह के उन्माद में यह असरदार है.
आसान भाषा में कहूँ तो यह हर तरह के न्यूरो से रिलेटेड समस्या में असरदार है यानी किसी भी तरह की Neurological Disorder हो तो इसका इस्तेमाल करना चाहिए.