Filaria Treatment | फ़ाइलेरिया की आयुर्वेदिक चिकित्सा- वैद्य जी की डायरी #10



आज वैद्य जी की डायरी में मैं आज बताने वाला हूँ फ़ाइलेरिया की आयुर्वेदिक चिकित्सा के बारे में. 


जी हाँ दोस्तों, आप में से कई लोग अक्सर पूछते रहते हैं इस बीमारी के इलाज के बारे में. तो आईये जानते हैं फ़ाइलेरिया के लिए इफेक्टिव आयुर्वेदिक योग की पूरी डिटेल – 


फ़ाइलेरिया को आयुर्वेद में श्लीपद के नाम से जाना जाता है जिसे हाथी पाँव भी कहते हैं. इसमें पैर हाथी के पैर की तरह मोटा हो जाता है इसीलिए. यहाँ मैं दो तरह का योग बता रहा हूँ जो आपको यूट्यूब और कहीं और भी इन्टरनेट पर आज से पहले नहीं मिला होगा. 


योग नंबर  – 1


यह शास्त्रीय दवाओं का योग है इसके लिए आपको चाहिए होगा –


नित्यानंद रस – 10 ग्राम,


रस माणिक्य – 10 ग्राम, 


शुद्ध गंधक – 20 ग्राम और 


पञ्चतिक्त घृत गुग्गुल – 25 ग्राम


सबसे पहले तो रस माणिक्य को खरल करें और दूसरी दवाओं को मिक्स कर पीसकर बराबर मात्रा की 90 पुड़िया बना लें. इस एक-एक पुड़िया सुबह-दोपहर-शाम सहजन के छाल के क्वाथ से लेना है. 


इसका सेवन करते हुवे पुनर्नवामूल को पीसकर इसका लेप करना है रोज़ दो बार. 


योग नंबर – 2 


यह एक अनुभूत या टेस्टेड योग है जो एक वैद्य जी का है, फ़ाइलेरिया के रोगियों के लिए काफ़ी असरदार है. इसे बनाने के लिए चाहिए होता है- 


सिहोरा की छाल, त्रिफला, एरण्ड के जड़ की छाल, रास्ना और पुनर्नवा की जड़ प्रत्येक एक एक किलो और गोमूत्र 20 लीटर. 


सभी चीजों को मोटा-मोटा कूटकर गोमूत्र में भीगा दें और 24 घंटे के बाद कड़ाही में डालकर उबालें, जब 5 लीटर बचे तो ठण्डा होने पर छान लें और उसमे 500 ग्राम बड़ी हर्रे के छिल्का का बारीक चूर्ण मिक्स कर पकाएं. जब गोली बनाने लायक गाढ़ा हो जाये तो मटर के बराबर की गोलियाँ बनाकर सुखाकर रख लें. इसका नाम श्लिपदारि गुटिका है. 


इसे दो-दो गोली रोज़ दो से तीन बार तक पानी से लेना है. नया-पुराना हर तरह का फ़ाइलेरिया तीन से छह महिना में दूर हो जाता है. 


योग नंबर दो सभी लोग को पसंद नहीं होता क्यूंकि इसमें गोमूत्र है और बनाना भी आसान नहीं. योग नंबर एक इजी है और सभी लोग यूज़ भी कर सकते हैं. योग नंबर 1 में रसायन औषधि है इसलिए इसे आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए. मेरी विडियो देखने वाले आयुर्वेदिक डॉक्टर बंधू अपने रोगियों पर इन योगों का प्रयोग कर यश प्राप्त करें. 


दो दोस्तों, वैद्य जी की डायरी में ये थी आज की जानकारी फ़ाइलेरिया की आयुर्वेदिक चिकित्सा के बारे में. 




वैद्य जी की डायरी के दुसरे उपयोगी योग – 


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