Gandhak Rasayan for Skin Disease & Blood Impurities | गंधक रसायन चर्मरोगों की महौषधि – Lakhaipur.com

गंधक रसायन चर्मरोगों या स्किन डिजीज को दूर करने वाली क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है. इसके इस्तेमाल से खाज-खुजली, एक्जिमा, फोड़े-फुंसी, चकत्ते, छाजन और सफ़ेद दाग से लेकर कुष्ठव्याधि तक नए-पुराने…

Agnivardhak Vati | अग्निवर्धक वटी भूख बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक औषधि

अग्निवर्धक वटी क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो भूख बढ़ाती है, इसके इस्तेमाल से पेट का भारीपन, पेट फूलना, मन्दाग्नि, कब्ज़ और  खट्टी डकार आना जैसी प्रॉब्लम दूर होती है. तो…

Gulma Kalanal Ras | गुल्मकालानल रस | Lakhaipur

गुल्मकालानल रस क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो गुल्म या पेट में गोला बनने वाली बीमारी में बेहद असरदार है. तो आईये जानते हैं गुल्मकालानल रस के घटक या कम्पोजीशन, इसके…

Vat Gajankush Ras Benefits in Hindi | वातगजांकुश रस

वातगजांकुश रस जो है वात रोगों की आयुर्वेद की जानी-मानी औषधि  है जो गठिया, साइटिका, लकवा, Spondylosis और जकड़न जैसे वात रोगों में प्रयोग की जाती है. तो आईये जानते…

Smritisagar Ras | स्मृतिसागर रस दिमाग की बीमारियों की बेजोड़ औषधि

स्मृतिसागर रस क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो एक बेहतरीन ब्रेन टॉनिक है. इसके इस्तेमाल से मेमोरी लॉस, Neuropathy, दिमाग की कमज़ोरी, बेहोशी, मृगी या एपिलेप्सी, पागलपन और हिस्टीरिया जैसी बीमारियाँ…

Chintamani Chaturmukh Ras | चिन्तामणि चतुर्मुख रस | Lakhaipur.com

चिन्तामणि चतुर्मुख रस क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो एक स्वर्णयुक्त औषधि है जिसके इस्तेमाल से मृगी, हिस्टीरिया, पागलपन और पैरालाइसीस जैसे वात रोग  भी दूर होते हैं. तो आइये जानते…

Chintamani Ras Benefits | चिन्तामणि रस के गुण, निर्माण और प्रयोग विधि

चिन्तामणि रस क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो हर तरह के ह्रदय रोग या हार्ट डिजीज, वात वाहिनी नाड़ियों की कमज़ोरी और हिस्टीरिया जैसी बीमारियों में बेहद असरदार है, तो आइये…

Sarpgandha Vati Benefits | सर्पगंधा वटी नीन्द लाने वाली बेजोड़ औषधि

सर्पगंधा वटी एक ऐसी दवा है जो हाई ब्लड प्रेशर को कम करती है, अच्छी नीन्द लाती है. इसके इस्तेमाल से अनिद्रा या नींद नहीं आना, अपस्मार-उन्माद यानि पागलपन जैसे…

Agnitundi Vati for Stomach Disease & Appendicitis | अग्नितुण्डी वटी अपेंडिसाईटिस और पेट के रोगों की औषधि

अग्नितुण्डी वटी क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो ख़ासकर पेट की बीमारियों के लिए इस्तेमाल की जाती है. इसे पेट की गैस, अजीर्ण, अग्निमांध, विशुचिका, गृहणी और अपेनडीसाईटिस जैसी बीमारियों में…

Ekangveer Ras | एकांगवीर रस गुण, उपयोग और निर्माण विधि – Lakhaipur.com

एकांगवीर रस शास्त्रीय आयुर्वेदिक औषधि है जो वात रोगों को दूर करती है. इसके इस्तेमाल से एकांग वात, अर्धांग वात, पैरालिसिस या लकवा, पक्षाघात और साइटिका जैसे रोग दूर होते…