ब्राह्मी घृत क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो दिमाग की बीमारियों के लिए असरदार है. इसके इस्तेमाल से एकाग्रता या कंसंट्रेशन, बुद्धि, सिखने की क्षमता और मेमोरी पॉवर बढ़ती है. चिंता, तनाव, स्ट्रेस, मानसिक थकान, मृगी और मानसिक रोगों में भी असरदार है. इसे ब्राह्मी घृत और ब्राह्मी घृतम के नाम से भी जाना जाता है, तो आईये जानते हैं ब्राह्मी घृत का कम्पोजीशन, इसके फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल –
ब्राह्मी घृत जो घी के तरह मेडिकेटेड घी वाली दवा है जिसका मेन इनग्रीडेंट ब्राह्मी नाम की बूटी होती है.
ब्राह्मी घृत का कम्पोजीशन –
इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें ब्राह्मी स्वरस, गाय का घी के अलावा त्रिकटु, त्रिवृत, दन्तीमूल, शंखपुष्पि,हल्दी, बच, कुठ, मोथा जैसी चीज़ें मिली होती हैं. जिसे आयुर्वेदिक प्रोसेस घृत पाक विधि से बनाया जाता है. अलग-अलग ब्रांड्स का कम्पोजीशन थोड़ा डिफरेंट होता है परन्तु घी और ब्राह्मी का जूस की सबका मेन इनग्रीडेंट होता है. कम्पोजीशन डिफरेंट होने की वजह यह है कि आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसका योग अलग-अलग बताया गया है.
ब्राह्मी घृत के गुण –
आयुर्वेदानुसार यह वात और पित्त नाशक है. यह मेमोरी बूस्टर, एंटी स्ट्रेस, एंटी डिप्रेशन, ब्रेन टॉनिक, एन्टी कैंसर और आक्षेप नाशक यानि Anticonvulsant जैसे गुणों से भरपूर होता है.
ब्राह्मी घृत के फ़ायदे –
चिंता, तनाव, स्ट्रेस, मानसिक थकान, बोलने और उच्चारण में समस्या होना, यादाश्त की कमज़ोरी, स्नायु दुर्बलता यानि Nervous Weakness और मृगी जैसी बीमारियों में यह असरदार है.
पंचकर्म में भी ब्राह्मी घृत का प्रयोग किया जाता है.
ब्राह्मी घृत की मात्रा और सेवन विधि –
10ML रोज़ सुबह एक बार ख़ाली पेट लेना चाहिए. बच्चों बहुत कम मात्रा में एक से ढाई ML तक ही देना चाहिए. बुजुर्गों को 5ML से ज़्यादा नहीं देना चाहिए. यह ऑलमोस्ट सेफ दवा है उम्र के मुताबिक़ सही डोज़ में लेने से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है. प्रेगनेंसी में दूध पिलाने वाली माताएँ भी कम डोज़ में इसे ले सकती हैं. डॉक्टर की सलाह से ही लेना बेस्ट है. ज़्यादा डोज़ होने से पेट का भारीपन, भूख की कमी और दस्त जैसी प्रॉब्लम हो सकती है. बैद्यनाथ के 100ML की क़ीमत 275 रुपया है. अलग-अलग कम्पनियों का प्राइस अलग है. ब्राह्मी घृत ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं निचे दिए लिंक से –
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Brahmi Ghrita | ब्राह्मी घृत
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