अदरक को कौन नहीं जानता है? हर जगह किचन में इसका इस्तेमाल किया जाता है. क्यूंकि यह न सिर्फ खाने को मज़ेदार बनाता है बल्कि इसके औषधिय गुण भी होते हैं.
आज मैं आपको अदरक के 10 ब्राह्य प्रयोग यानी एक्सटर्नल यूज़ के बारे में बताने वाला हूँ, तो आईये शुरू करते हैं –
सुखा हुआ अदरक या सोंठ आयुर्वेद की अधिकतर दवाओं में मिलाई जाती है. पर आज हम यहाँ जानेंगे अदरक के सिर्फ़ बाहरी प्रयोग के बारे में –
कान दर्द होने पर
ज़्यादा देर तक ठण्डे पानी में नहाने या फिर ठण्ड की वजह से कान में दर्द होने लगे तो अदरक का रस चार-पाँच बूंद कान में डालना चाहिए.
कील-मुहाँसे या पिम्पल्स होने पर
सोने से पहले अदरक के रस को चेहरे पर लगा लें और सुबह उतार चेहरा धोकर नारियल तेल लगाने से किल-मुहाँसे और झायियाँ दूर होती हैं.
दांत दर्द होने पर
छिले हुए अदरक के टुकड़े को हल्का गर्म कर दाँतों के बीच दबाकर रखने या इसका रस मलने से दांत दर्द दूर होता है.
सर दर्द होने पर
अदरक के रस में दूध मिलाकर सूंघने से सर दर्द दूर होता है.
चोट लगने पर
एक गाँठ अदरक को कुचलकर कर हल्का गर्म कर चोट वाली जगह पर बांधना चाहिए.
दस्त होने पर
अदरक के रस में रुई भिगाकर नाभि पर रखने से अतिसार, दस्त या लूज़ मोशन में लाभ होता है. हर पंद्रह मिनट पर रुई बदलते रहना चाहिए.
गठिया बाय के दर्द में
अदरक के रस में पीसी अजवायन मिक्स कर मलने से दर्द में राहत मिलती है. अदरक के रस को हल्का गर्म कर मालिश करने से भी दर्द दूर होता है.
शीतांग सन्निपात में
सन्निपात में जब शरीर ठंढा पड़ जाये तो अदरक का रस और लहसुन का रस बराबर मात्रा में मिक्स कर शरीर पर मर्दन करना चाहिए.
श्वसनक ज्वर या निमोनिया में
अदरक के रस में घी मिक्स कर हल्का गर्म कर कपूर मिलाकर छाती पर मलना चाहिए. इस से बच्चों के निमोनिया में लाभ होता है.
बिच्छू डंक पर
अदरक और पान के पत्ते के रस को मिक्स कर पीड़ित स्थान पर लगाने से राहत मिलती है.