Isotine Eye Drops Benefits & Side Effects | आईसोटीन आई ड्रॉप्स के फ़ायदे और नुकसान



आईसोटीन आई ड्रॉप्स आँखों के लिए एक जानी-मानी दवा है जो आँखों की रौशनी को बढ़ाती है. इसके इस्तेमाल से मोतियाबिंद, रेटिनाइटिस(Retinitis), कमज़ोर रौशनी और आँख के दुसरे रोगों में फ़ायदा होता है, तो आईये जानते हैं आईसोटीन आई ड्रॉप्स का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल – 


जगत फार्मा नाम की कम्पनी की यह दवा है. आईसोटीन आई ड्रॉप्स हर्बल दवा है जिसे जड़ी-बूटी और भस्मों के मिश्रण से बनाया गया है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें – 


पलाश – 0.3%


अपामार्ग – 0.3%


पुनर्नवा – 0.3%


यशद भस्म – 0.06%


टंकण भस्म – 2.0%


फिटकरी – 0.4%


तुथ्य भस्म – 0.04%


पुदीना सत्व – 0.015%


शुद्ध जल – 10 ML


बैन्ज़लकोलियम क्लोराइड(Benzalkonium Chloride) – 0.01% का मिश्रण होता है. 


आईसोटीन आई ड्रॉप्स के गुण –


इसके गुणों की बात करें तो यह आँखों के लिए लाभकारी और दृष्टिवर्धक या रोशिनी बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर होता है. 





आईसोटीन आई ड्रॉप्स के फ़ायदे – 


आँख की रौशनी और इस से रिलेटेड रोगों के लिए यह एक अच्छा आई ड्राप है. इसके इस्तेमाल से आँखों की कमज़ोर रौशनी, मोतियाबिंद, अंग्रेज़ी दवाओं के साइड इफ़ेक्ट से कम हुयी आँख की रौशनी, कंप्यूटर-मोबाइल स्क्रीन की वजह से कम हुयी रौशनी, ग्लूकोमा, रेटिनाइटिस जैसी प्रॉब्लम दूर होती है. 


यह मोतियाबिंद के ऑपरेशन और लेसिक ऑपरेशन के बाद आँखों की रौशनी रिकवर करने में भी फ़ायदेमंद है. शुगर की वजह से रौशनी कम होने और रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा (Retinitis Pigmentosa) में भी असरदार है. 


आईसोटीन आई ड्रॉप्स मोतियाबिंद में असरदार है और शुरुआत में ही इसका इस्तेमाल किया जाये तो यह बिना ऑपरेशन मोतियाबिंद को ठीक कर सकती है. 
आँखों की रौशनी बढ़ाने में यह बहुत हद तक असरदार है, इसे मैंने कई लोगों पर प्रयोग कराकर अच्छा रिजल्ट देखा है.





आईसोटीन आई ड्रॉप्स इस्तेमाल करने का तरीका-


दो बूंद रोज़ तीन बार आँखों में डालना है, दस साल से कम उम्र के बच्चों को एक बूंद रोज़ 2-3 बार तक डालना चाहिए. इसे आँखों में डालने के बाद 2-3 मिनट तक आँख बंद रखना चाहिए. इसे डालने के बाद थोड़ी देर तक आँखों में जलन हो सकती है, पर यह जलन ख़ुद मिट जाती है. 


इसे कम से कम लगातार तीन महिना तक यूज़ करें, नज़र ज़्यादा कमज़ोर है तो छह महीन तक भी यूज़ कर सकते हैं. इस्तेमाल से पहले आँखों की जाँच करा लेना अच्छा रहता है ताकि पता चले कि कितना फ़ायदा हो रहा है. 





आईसोटीन आई ड्रॉप्स का साइड इफ़ेक्ट- 


वैसे तो इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है. अगर इसे डालने के बाद काफी टाइम तक आँखों की जलन नहीं कमती है तो इसका इस्तेमाल न करें. 


आईसोटीन आई ड्रॉप्स के बारे में मेरा ओपिनियन यह है कि यह एक असरदार दवा है जिस से बहुत लोगों को फ़ायदा होता है. पतंजलि के दृष्टि आई ड्राप से यह गुना बेहतर है. 


आँखों की रौशनी बढ़ाने और चश्मा उतारने के लिए इसके साथ में महा त्रिफला घृत और सप्तामृत लौह का प्रयोग करना चाहिए. क्योंकि ये दोनों क्लासिकल दवा कभी फेल नहीं होती. 


आईसोटीन गोल्ड पैक नाम से भी यह मिलती है जिसमे आईसोटीन प्लस आई ड्रॉप्स और खाने की दवा आईसोन्यूरॉन कैप्सूल होता है. आईसोटीन प्लस आई ड्रॉप्स का कम्पोजीशन ऑलमोस्ट सेम है, बस इसमें आँवला, बहेड़ा और चन्दन ये तीन चीज़ें एक्स्ट्रा मिली होती हैं. 


आईसोन्यूरॉन कैप्सूल में यष्टिमधु, बच, जटामांसी, अश्वगंधा, और शंखपुष्पी का मिश्रण होता है. जो की एक सिम्पल कम्पोजीशन है जिसे जेनेरली लिया जा सकता है.


पर मेरी नज़र में आईसोटीन आई ड्रॉप्स के साथ सप्तामृत लौह और महा त्रिफला घृत का कॉम्बिनेशन ही बेस्ट है. आईसोटीन आई ड्रॉप्स के 10 ML के एक पैक की क़ीमत क़रीब 65 रुपया है, 10 ML के 6 शीशी का पैक भी मिलता है. इसे घर बैठे ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं निचे दिए लिंक से – 


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