Typhoid Herbal Treatment | टाइफाइड की आयुर्वेदिक चिकित्सा – Vaidya Ji Ki Diary- Lakhaipur.com



टाइफाइड में कौन-कौन सी आयुर्वेदिक दवा किस तरह से लेना चाहिए, इसके बारे में आईये जानते हैं  पूरी डिटेल – 


टाइफाइड एक ऐसी बीमारी है जो जल्दी जाती नहीं है. अंग्रेज़ी दवाओं से कुछ दिन के आप ठीक तो हो जाते हैं पर कुछ हफ्ते या फिर कुछ महीने बाद फिर से बुखार आने लगता है. जब तक ब्लड टेस्ट में पूरी तरह से नेगेटिव नहीं हो जाता, टाइफाइड नहीं जाता है. अगर आप अंग्रेज़ी दवाएँ खाकर निराश हो चुके हों तो भी कोई बात नहीं, मेरा बताया योग प्रयोग कर टाइफाइड से मुक्ति पा सकते हैं –


टाइफाइड के लिए आयुर्वेदिक योग –


इसके लिए आपको चाहिए होगा संजीवनी वटी, लक्ष्मीविलास रस(नारदीय), मोती भस्म, प्रवाल पिष्टी-प्रत्येक 5-5 ग्राम और गिलोय सत्व – 20 ग्राम 


सभी को अच्छी तरह से खरलकर 40 पुड़िया बना लें, बस दवा तैयार है. 


सेवन विधि-


एक-एक पुड़िया सुबह-दोपहर-शाम खाना के बाद शहद में मिक्स कर लेना है. इसके साथ में ‘अमृतारिष्ट’ भी दो-दो चम्मच सुबह शाम खाना के बाद लेना चाहिए. 


बताया गया योग कम से कम 21 दिनों तक लेना चाहिए. ब्लड टेस्ट में टाइफाइड नेगेटिव आने पर ही दवा बंद करें. स्थानीय वैद्य जी की देख रेख में बताया गया योग यूज़ करना अच्छा रहता है. 



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