Anti Snoring Drops | एन्टी स्नोरिंग ड्रॉप्स – खर्राटा बन्द करने की दवा



वैद्य जी की डायरी में आज मैं स्नोरिंग या खर्राटे की समस्या का समाधान लेकर आया हूँ. जी हाँ दोस्तों, खर्राटा लेने वाला आदमी तो गहरी नीन्द में सोया रहता है परन्तु उसके पास सोने वाले आदमी की नीन्द हराम हो जाती है. खर्राटा या स्नोरिंग की समस्या आजकल कुछ ज़्यादा ही है. अगर पति-पत्नी में से किसी को खर्राटे की समस्या हो तो फिर बहुत ज़्यादा प्रॉब्लम हो जाती है. इस प्रॉब्लम को दूर करने के लिए बहुत ही असरदार और चीप एंड बेस्ट दवा एंटी स्नोरिंग ड्रॉप्स है, तो आईये इसके बारे में थोड़ा बहुत जानते हैं – 


आप मानें या न मानें आयुर्वेद में हर बीमारी का ईलाज है, बस ज़रूरत है तो ग्रन्थों का गहन अध्यन करने और रिसर्च करने की. मैंने इसके लिए बहुत अध्यन किया पर कोई आसान सा और सटीक उपाय नहीं मिल रहा था. लास्ट टाइम जब मैं इंडिया गया था तो आयुर्वेद के अपने गुरु से इस समस्या के बारे में चर्चा किया था और अपना आईडिया बताया था. तब जाकर यह योग Finalize हुआ, हालाँकि यह भी कोई आसान योग नहीं पर यूज़ करने के लिए इजी  है. 


इसका नाम मैं रखा हूँ – एन्टी स्नोरिंग ड्रॉप्स 


सोने से पहले नाक के दोनों छिद्रों में दो- तीन ड्रॉप्स तक डालना होता है. कुछ ही दिनों में आवाज़ कम होने लगती है और समस्या से मुक्ति मिलती है. एक पैक की प्राइस है सिर्फ़ 600 रुपया, जो ऑनलाइन अवेलेबल है lakhaipur.in पर जिसका लिंक निचे दिया जा रहा है, सिमित मात्रा में अभी उपलब्ध है. 




एंटी स्नोरिंग ड्रॉप्स के घटक और निर्माण विधि


यह पूरी तरह से आयुर्वेदिक और आर्गेनिक दवा जो 100% सुरक्षित है. आम आदमी के लिए इसे बनाना सम्भव नहीं है. इसके लिए औषधि निर्माण में दक्ष चिकित्सक बन्धु मुझसे संपर्क कर सकते हैं. 


मुझे खर्राटा नहीं आता है, अगर मेरे पास सोने वाला कोई आदमी खर्राटा लेने लगे तो मेरी नींद उड़ जाती है. मैं इसका बड़ा भुक्तहोगी हूँ, आपके पास सोने वाला कोई खर्राटा ले तो कितनी परेशानी होती है, मैं बेहतर समझ सकता हूँ. 


तो मेरे भाईयों और बहनों, अगर आपकी भी नींद किसी के खर्राटे से ख़राब होती है तो एंटी स्नोरिंग ड्रॉप्स का प्रयोग कराईये और चैन की नीन्द सोयिये. 

कई लोगों पर इसका टेस्ट करा चूका हूँ, बड़ा ही उत्साहजनक परिणाम मिला है. दस में से साथ-आठ लोगों को इसी से लाभ हो जाता है. एंटी स्नोरिंग ड्रॉप्स से जिनको कोई फ़र्क नहीं पड़ता है उनको खाने वाली औषधि सेवन करनी होती है, जो कि वैद्य जी की डायरी के एक दुसरे पोस्ट में बताया हूँ. 




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