बसन्त कुसुमाकर मतलब जैसे वसंत का मौसम आने पर कुसुम यानी फूल खिल जाते हैं ठीक उसी तरह इस दवा के इस्तेमाल से शरीर में नयी शक्ति, स्फूर्ति और उर्जा आती है और शरीर खिल उठता है.
इसे कहीं वसन्त कुसुमाकर V या 'व' ले लिखा जाता है
तो कहीं बसन्त कुसुमाकर B या 'ब' से लिखा जाता है. यह सिर्फ़ बोली का फर्क़ है, लिखने का अंतर है. इसके बारे में कभी भी कंफ्यूज़ न हों.
स्पेशल बसन्त कुसुमाकर रस के घटक या कम्पोजीशन
इसके कम्पोजीशन की बात करूँ तो इसके मुख्य घटक होते हैं -
प्रवाल पिष्टी, मुक्ता पिष्टी, रस सिन्दूर, अभ्रक भस्म, स्वर्ण भस्म, रौप्य भस्म, लौह भस्म, नाग भस्म, बंग भस्म.
इसमें अडूसा स्वरस, हल्दी स्वरस, कमल पुष्प स्वरस, मालती पुष्प स्वरस, गाय का दूध, केले के स्तम्भ का रस, चन्दन फांट की प्रत्येक 7-7 भावना दी जाती है.
यह बसन्त कुसुमाकर रस का घटक और प्रोसेस है, इसी प्रोसेस से बना हुआ जेनरली मार्केट में आपको मिलता है.
पर जो स्पेशल बसन्त कुसुमाकर रस है उसमे इन सब के अलावा अलग से शतावर, असगंध, गोक्षुर, कौंच बीज और उटंगन बीज के क्वाथ की एक-एक भावना दी जाती है, इस तरह से यह विशेष प्रभावशाली बन जाता है. और यही है स्पेशल बसन्त कुसुमाकर रस या बसन्त कुसुमाकर रस विशेष
साधारण बसन्त कुसुमाकर रस का 30 गोली का पैक आपको क़रीब 1700 से 1800 में मिलता है, क्यूंकि बड़ी कम्पनी ब्रांडिंग के नाम पर आपके पैसे लूट रही है.
यह वाला स्पेशल बसन्त कुसुमाकर रस 60 गोली का पैक सिर्फ 950 रुपया में मिल रहा है जो ज़्यादा असरदार भी है. इसे ऑनलाइन ख़रीदने का लिंक निचे दिया गया है.
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स्पेशल बसन्त कुसुमाकर रस का डोज़ यानि की मात्रा और सेवन विधि
एक से दो गोली सुबह-शाम रोगानुसार उचित अनुपान से
अब यह भी जान लीजिये कि किस बीमारी में इसे किस अनुपान से लेना चाहिए?
मधुमेह या डायबिटीज में – एक से दो गोली कच्चे दूध में घोलकर सुबह-शाम या फिर जामुन गुठली चूर्ण, शिलाजीत इत्यादि के साथ
काम विकार और यौन रोगों में – एक से दो गोली शहद या मलाई से
वीर्य विकार, नपुँसकता इत्यादि पुरुष यौन रोगों में -
धारोष्ण दूध, शहद, मक्खन या मलाई के साथ
मस्तिष्क या ब्रेन से रिलेटेड रोगों में - आँवला मुरब्बा के साथ
रक्त प्रदर और रक्त पित्त रोग में - वासा के रस और शहद के साथ
खाँसी, अस्थमा, टी.बी. इत्यादि फेफड़े के रोगों में - चौसठ प्रहरी पीपल और शहद के साथ
एसिडिटी, हाइपर एसिडिटी में - कुष्मांड अवलेह या गुलकन्द के साथ
हृदय रोगों या हार्ट की बीमारियों में - अर्जुन छाल क्वाथ के साथ
प्रमेह रोगों में - गिलोय के रस और शहद से
स्पेशल बसन्त कुसुमाकर रस के गुण या प्रॉपर्टीज
इसके गुणों की बात करूँ तो आयुर्वेदानुसार यह वात और पित्त दोष को बैलेंस करता है. त्रिदोष नाशक गुण भी हैं इसमें.
यह हृद्य है - यानी की हार्ट को ताक़त देता है
बल्य है - बल या शक्ति को बढ़ाता है
उत्तेजक भी है - उत्तेजना बढ़ाता है
वृष्य है - यानी कि आपके अंडकोष, वीर्य, शुक्राणु इत्यादि को पोषण देता है
बाजीकरण और रसायन गुणों से भी भरपूर है.
एन्टी एजिंग, इम्युनिटी बूस्टर, एंटी ऑक्सीडेंट जैसे गुणों से भरपूर है.
आईये अब जानते हैं
स्पेशल बसन्त कुसुमाकर रस के फ़ायदे
इसके फ़ायदों की जितनी भी तारीफ़ की जाये कम है, क्यूंकि यह आयुर्वेद की ऐसी महान दवाओं में से एक है जो बॉडी के सभी एसेंशियल organs को शक्ति देती है.
यानी की सर से पैर तक आपके लिए फ़ायदेमन्द है. ब्रेन, हार्ट, लंग्स, लीवर, किडनी, बोन्स, प्रजनन तंत्र चाहे महिला का हो या पुरुष का सभी के लिए असरदार है.
डायबिटीज और जितने भी प्रकार का प्रमेह या मेह रोग हो सभी के लिए यह अमृत समान गुणकारी है. यह डायबिटीज के लिए ही सबसे ज़्यादा पॉपुलर है.
पुरुष यौन रोग
मर्दों की बीमारी चाहे जो भी हो, मर्दाना कमज़ोरी, वीर्य विकार, नपुँसकता इत्यादि कुछ भी सभी में असरदार है.
आज का नवयुवक कम उम्र में ही ग़लत आदत का शिकार हो जाता है, क्यूंकि इस उम्र उसे पता ही नहीं होता है कि वह जो कर रहा है आगे चलकर उसका क्या असर होगा. तो ऐसे किशोरों के लिए जो अपनी जवानी बर्बाद कर चुके हों, नसें कमज़ोर कर चुके हों, अपने अंग विशेष को बेजान कर चुके हों, उनके लिए यह स्पेशल बसन्त कुसुमाकर रस वरदान साबित होता है.
महिला रोग
महिलाओं के यौन स्वास्थ या reproductive system की कोई भी समस्या हो, सभी में यह लाभकारी है
ब्रेन के लिए
दिमाग की कमज़ोरी, चक्कर आना, मेमोरी लॉस, नींद नहीं आना जैसी प्रॉब्लम में इसका सेवन करना चाहिए
फेफड़ों या लंग्स हेल्थ के लिए
फेफड़ों की कमज़ोरी, खांसी, अस्थमा, टी. बी. इत्यादि फेफड़े की सभी बीमारीओं में यह असरदार है
पाचन तंत्र की बीमारी
जैसे अम्लपित्त, IBS, खून की कमी, लीवर की प्रॉब्लम और नकसीर इत्यादि में असरदार है.
बुढ़ापे के लिए
कम उम्र में ही बुढ़ापे के लक्षण दीखते हों, या फिर बुढ़ापे में भी आप टनाटन दिखना चाहते हैं तो इसका सेवन करें और फिर चमत्कार देखें.
बसन्त कुसुमाकर रस के साइड इफेक्ट्स
इसका कोई साइड इफेक्ट्स नहीं, क्यूंकि इसका कम्पोजीशन अपने-आप में बेजोड़ है. इसे लगातार एक से तीन महिना तक यूज़ कर सकते हैं.
अत्यधिक बढ़ी हुयी कमोतेजना में इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए.
यदि आप पहले से कोई होम्यो दवा यूज़ कर रहे है तो भी इसे ले सकते हैं.
अंग्रेज़ी दवा लेते हुए भी इसका सेवन कर सकते हैं. बाद दूसरी दवाओं के बीच आधा से एक घंटा का गैप रखें.
कोई विटामिन या हेल्थ सप्लीमेंट लेते हुए भी इसका सेवन कर सकते हैं.
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