गोक्षुरादि गुग्गुल के बारे में आज कुछ ऐसी जानकारी देने वाला हूँ जिसे कोई नहीं बताएगा.
इसके गुण या प्रॉपर्टीज क्या हैं?
इसके क्या क्या फ़ायदे हैं? किन बीमारियों को यह दूर करता है?
गोक्षुरादि गुग्गुल का डोज़ क्या है? इसे कैसे यूज़ करें?
और क्या इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी है?
तो आईये इन सभी के बारे में सबकुछ विस्तार से जानते हैं -
गोक्षुरादि गुग्गुल
जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है गोक्षुर या गोखुरू नाम की बूटी ही इसका मुख्य घटक यानि की मेन इनग्रीडेंट है.
इसके अलावा गुग्गुल और दूसरी जड़ी-बूटियाँ भी इसमें होती हैं.
गोक्षुरादि गुग्गुल के घटक या कम्पोजीशन
इसके कम्पोजीशन की बात करूँ तो आयुर्वेदिक ग्रन्थ शारंगधर संहिता के अनुसार इसे गोक्षुर पँचांग, शुद्ध गुग्गुल, त्रिकटु, त्रिफला, नागरमोथा और घी या एरण्ड तेल के मिश्रण से बनाया जाता है.
यह मार्केट में कई सारे ब्राण्ड का मिल जाता है. बेस्ट क्वालिटी का होम मेड गोक्षुरादि गुग्गुल का लिंक डिस्क्रिप्शन में दे रहा हूँ, जहाँ से आप ऑनलाइन खरीद सकते हैं. आज की तारीख में 100 ग्राम का प्राइस है सिर्फ़ 430 रुपया. यदि किन्ही को गोक्षुरादि गुग्गुल किलो के रेट में चाहिए तो भी मिल जायेगा.
गोक्षुरादि गुग्गुल के गुण या प्रॉपर्टीज
आयुर्वेदानुसार यह वात दोष को शांत करता है, इसमें रसायन गुण भी हैं.
गोक्षुरादि गुग्गुल का डोज़
दो गोली रोज़ दो से तीन बार तक पानी से. या गोक्षुर क्वाथ, उशिरासव या रोगानुसार उचित अनुपान से लेना चाहिए
किन बीमारियों को यह दूर करता है?
यूरिनरी सिस्टम के कोई भी रोग, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, प्रमेह, रुक-रुक कर पेशाब होना, पथरी, पेशाब रुक जाना, महिलाओं का प्रदर रोग, पुरुषों का शुक्र रोग और वीर्य विकार, वातरक्त और मधुमेह जैसे रोगों में लाभकारी है. इस दवा का असर मूत्राशय, मूत्र नली और वीर्यवाहिनी शिराओं पर अधीक होता है.
आईये अब आसान भाषा में इसके फ़ायदे जानते हैं-
पेशाब की जलन हो, पेशाब का पीलापन हो, रुक-रुक कर पेशाब आता हो, खुलकर पेशाब नहीं होता हो, UTI हो, सुज़ाक हो, बून्द-बून्द पेशाब आता हो, पेशाब करने में बहुत तकलीफ़ होती हो,बहुत दर्द होता हो तो इसका यूज़ करना चाहिए.
यानी यह समझ लीजिये कि किसी भी वजह से पेशाब की प्रॉब्लम हो तो इसका प्रयोग करें. यह खुलकर पेशाब लाने वाली जानी-मानी दवा है.
किडनी की पत्थरी हो, ब्लैडर की पत्थरी हो, किडनी का दर्द हो, पेडू का दर्द हो, पेडू फूल जाये तो गोक्षुरादि गुग्गुल यूज़ करने की सलाह दी जाती है.
महिलाओं के प्रदर यानी लिकोरिया की समस्या हो, हैवी पीरियड होता हो तो भी दूसरी दवाओं के साथ इसका प्रयोग किया जाता है.
पुरुषों के प्रमेह रोग, धात गिरना, वीर्य विकार, स्पर्म काउंट की कमी जैसी प्रॉब्लम में भी इसका प्रयोग करने से प्रॉब्लम दूर होकर बॉडी स्ट्रोंग हो जाती है.
जोड़ों का दर्द, गठिया, अर्थराइटिस में भी इसे सहायक औषधि के रूप में प्रयोग कराया जाता है.
गोक्षुरादि गुग्गुल के साइड इफेक्ट्स
यह सुरक्षित दवा है, इसका कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होता है. अगर पहले से आप कोई अंग्रेज़ी लेते हैं इसे कम से कम 30 मिनट के गैप के बाद ही यूज़ करें, या फिर अपने डॉक्टर से सलाह लेकर यूज़ करें.
होम्योपैथिक दवा लेते हुए भी इसका सेवन कर सकते हैं, यह किसी तरह का इंटरेक्शन नहीं करती.
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