बिना नमक वाला भोजन करना असंभव तो नहीं बार मुश्किल ज़रूर है. बचपन से ही हमारी ऐसी आदत डाली गयी है, इसके बिना खाना में स्वाद ही नहीं आता, टेस्ट नहीं आता है. आज लगभग 99 प्रतिशत घरों में सफ़ेद नमक ही यूज़ किया जाता है. यह सफ़ेद नमक नहीं बल्कि नमकीन ज़हर है, धीमा ज़हर.
धीमा ज़हर मैं इस लिए कह रहा हूँ यह आपको डायरेक्टली नहीं मारता है, बल्कि चुपके से बहुत-बहुत धीरे मारक बीमारी को जन्म देने में हेल्प करता है और इसे समझ नहीं पाते हैं.
यदि आप चाहते हैं कि इसकी वजह से होने वाली बीमारियों से आप बचे रहें और परिवार सुरक्षित रहे तो आज से और अभी से ही इस सफ़ेद नमक को यूज़ करना बंद कर दीजिये और सेंधा नमक कोई यूज़ कीजिये.
फ्री फ्लोइंग नमक, वाइट नमक, आयोडीन नमक सब बकवास है.
आपको जान कर हैरानी होगी कि हमारे शरीर रोज़ जितने नमक की ज़रूरत होती है वह अलग से बिना नमक खाए ही हमारे भोजन से, यानी रोटी, चावल, सब्ज़ी, फल इत्यादि से पूरी हो जाती है.
आसान शब्दों में कहूँ तो हमारे शरीर को अलग से नमक की कोई ज़रूरत नहीं होती है, और हम हैं कि भर-भर कर अलग बहुत सारी चीज़ों में नमक मिलाकर खाते रहते हैं. जिसके विपरीत प्रभाव से शरीर को नुकसान होता है और बीमारियों का जन्म होता है.
कुछ लोग सोचते हैं कि अरे भईया नमक नहीं खाऊंगा को शरीर को ताक़त नहीं मिलेगी. यह सोच बिल्कुल ग़लत है.
ग़लत कैसे है? आईये मैं आपको एक उदाहरण से समझाता हूँ -
गाय, बैल, सभी जानवर और सभी पक्षी कभी नमक खाते हैं क्या? नहीं ना
किसी जानवर या पक्षी जो जीवनभर नमक नहीं खाता है, उसे नमक नहीं खाने से कमज़ोर होते हुए देखा है क्या? अगर आपने देखा हो तो कमेंट कर ज़रूर बताईयेगा.
अब आप बोलियेगा कि मैंने शुरू में बताया कि सेंधा नमक खाओ, चूँकि आपको शुरू से नमकीन की आदत है तो अचानक से इसे बंद नहीं कर सकते हैं. और नमक बिना स्वाद नहीं आता, इस लिए स्वाद के लिए सेंधा नमक यूज़ कीजिये.
सेंधा नमक का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है, इसमें कई सारे ज़रूरी मिनरल्स होते है जिस से शरीर को फ़ायदा होता है.
अब बात यह कि सफ़ेद नमक से क्या क्या नुकसान होता है?
मैं आपको फिर से कहता हूँ कि हमारे बॉडी कोई सफ़ेद नमक की कोई ज़रूरत नहीं है. जब कोई ज़रूरत ही नहीं होती और बॉडी में नमक डालते रहेंगे तो बॉडी रियेक्ट करेगी ही और इसके परिणाम स्वरुप आपको हाई ब्लड प्रेशर, स्किन डिजीज, किडनी फेलियर जैसे गंभीर रोग जन्म लेते हैं.
नमक के बारे में आयुर्वेदिक ग्रन्थ चरक संहिता में कहा गया है -
आपातभद्रं प्रयोग समसादगुण्यात, दोषसंचयानुबन्धम||
इसका अर्थ यह है कि अल्पमात्रा में बहुत थोड़ी मात्रा में नमक प्रयोग करने से तत्काल लाभप्रद है, और अधीक मात्रा में और अधीक समय तक प्रयोग करने से यह दोषों का संचय करता है|
आज की मॉडर्न साइंस क्या कहेगी- हमारे ऋषियों में हजारों साल पहले यह बता दिया था. दोषों का संचय का सीधा मतलब है कि दोष जमा होंगे और दोष जमा होंगे तो बीमारी पैदा होगी.
आज के समय में हाई BP और किडनी डिजीज लिए इस सफ़ेद नमक का ज़्यादा इस्तेमाल इसके कारणों में से एक है.
अगर आपको हाई BP की प्रॉब्लम है, किडनी की कोई समस्या है, स्किन की कोई प्रॉब्लम है तो आज से ही सादा नमक को गुड बाय कहिये और सेंधा नमक यूज़ करना शुरू कीजिये, धीरे धीरे ही सही आपको फ़ायदा दिखेगा. कोई हेल्थ इशू नहीं भी है तो वाइट साल्ट को रिप्लेस कीजिये, स्वस्थ रहने के लिए.
आप की जानकारी के लिए मैं आपको बता देना चाहूँगा कि दुबई में रहते हुए भी मैं खाना बनाने से लेकर किसी चीज़ में ऊपर से नमक ऐड करना हो तो उसके लिए भी सेंध नमक ही यूज़ करता हूँ.
इंडिया में आपको पंसारी की दुकान से सेंधा नमक नाम से पत्थर जैसे टुकड़े मिल जायेंगे, जिसे पीसकर यूज़ कर सकते हैं.
वैसे पिंक साल्ट के नाम से पाउडर और दानेदार फॉर्म में भी मिल जाता है, जिसे ऑनलाइन ख़रीदने का लिंक दिया गया है.
और अंत में यह भी बता दूँ कि आयुर्वेदिक दवाओं में सेंधा नमक ही प्रमुखता से प्रयोग किया जाता है. टोटल पांच तरह के नमक आयुर्वेद में बताये गए हैं, अगर इनके बारे में भी जानकारी चाहते हैं तो कमेंट कर ज़रूर बताईयेगा.