नवजीवन रस वास्तव में मनुष्य को नया जीवन देता है, तो आईये जानते हैं कि नवजीवन रस क्या है? और जानेंगे इसके गुण उपयोग, फ़ायदे और निर्माण विधि के बारे में सब कुछ विस्तार से -
नवजीवन रस
जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है नया जीवन देने वाली रसायन औषधि
नवजीवन रस के गुण
इसके गुणों की बात करें तो यह दीपक, पाचक है, शरीर में वात और कफ़ दोष को संतुलित करता है.
नवजीवन रस के फ़ायदे
जहाँ तक नवजीवन रस के फ़ायदे की बात है तो वैद्यगण अनुपान भेद से इसे कई रोगों में प्रयोग करते हैं.
कुचला प्रधान औषधि होने से यह नस नाड़ियों को शक्ति देता है और जागृत करता है. ज्ञान वाहिनी नाड़ियों, चेष्टावाहिनी नाड़ियों और शुक्रवाहिनी नाड़ियों इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है.
आसान शब्दों में कहूँ तो भूलने की बीमारी, यादाश्त की कमज़ोरी, नसों की कमज़ोरी, मर्दाना कमज़ोरी और माईग्रेन जैसी प्रॉब्लम में भी इस से फ़ायदा होता है.
शरीर की कमज़ोरी, खून की कमी, थकावट को दूर करता है
इसके सेवन से पाचक प्रचुर मात्रा में उत्त्पन्न होने और आमरस को पचाने से दस्त की पुरानी बीमारी, पेट दर्द, आँतों का दर्द जैसी परेशानी भी दूर होती है.
नवजीवन रस की मात्रा और सेवन विधि
एक-एक गोली या 125 mg की मात्रा में सुबह-शाम अदरक के रस के साथ शहद मिक्स कर या फिर रोगानुसार उचित अनुपान के साथ सेवन करना चाहिए.
इसे स्थानीय वैद्य जी की देख रेख में ही लें
वीर्य विकारों में बंग भस्म, प्रवाल भस्म इत्यादि के साथ मक्खन से, माईग्रेन और दीमाग को ताक़त देने के लिए अभ्रक भस्म के साथ घी या उचित अनुपान से अनुभवी वैद्यगण इसका प्रयोग कराते हैं. कहने का मतलब है कि वैद्य की सलाह के बिना इसका सेवन नहीं करें.
आयुर्वेदिक कंपनीयों का यह मार्किट में मिल जाता है. जानकारी के लिए इसकी निर्माण विधि भी बता रहा हूँ -
नवजीवन रस निर्माण विधि
इसके निर्माण के लिय चाहिए होता है शोधित कुचला, लौह भस्म, रस सिन्दूर और त्रिकटु का बारीक कपड़छन चूर्ण सभी समान भाग
निर्माण विधि यह है कि सबसे पहले रस सिन्दूर को खरल कर दूसरी चीजें मिलाकर देसी अदरक के रस में एक दिन तक घोंटकर एक-एक रत्ती की गोलियाँ बनाकर सुखाकर रख लिया जाता है. बस यही नवजीवन रस कहलाता है.
तो दोस्तों, यह थी आज की जानकारी नवजीवन रस के बारे में,कोई सवाल हो तो कमेंट कर पूछिये, आपके सवालों का स्वागत है.
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