हिंगु कर्पुर वटी के घटक या कम्पोजीशन
इसके निर्माण के लिए सिर्फ़ तीन चीज़ चाहिए होती है, शुद्ध हीरा हींग और कपूर समान भाग और असली शहद थोड़ी मात्रा में
हिंगु कर्पुर वटी निर्माण विधि
कपूर और हींग को खरल में घोंटकर इतना शहद मिलाएं कि गोली बनाने लायक हो जाये. अच्छी तरह से खरलकर एक-एक रत्ती की गोलियाँ बनाकर सुखाकर रख लें. बस यही हिंगु कर्पुर वटी है.
हिंगु कर्पुर वटी की मात्रा और सेवन विधि
एक से दो गोली तक पानी, शहद या अदरक के रस के साथ
हिंगु कर्पुर वटी के फ़ायदे
यह पेट के बीमारियों की बेहतरीन दवा है. आदरणीय वैद्य गोपालशरण जी का यह अनुभूत योग है, उनके अनुसार हिंगु कर्पुर वटी अनेक उदर विकारों की श्रेष्ठ औषधि है. आध्यमान, उदरशूल, अतिसार की अवस्था में श्रेष्ठ कार्यकर है. यदि इसमें चौथाई भाग शुद्ध अहिफेन मिला दिया जाए तो यह अत्यन्त उपयोगी औषधि हो जाती है. विशुचिका, अपस्मार, योषापस्मार, उन्माद, प्रलाप और अनिद्रा इत्यादि रोगों में भी इसका उपयोग विशेष गुणकारी है.
चिकित्सकगण इसका उपयोग कर परिणाम से मुझे भी अवगत कराएँ.
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