सबसे पहले भाषा भेद से इसके नाम जान लेते हैं -
संस्कृत में - अस्थि शृंखला, अस्थिसंहारी, वज्रवल्ली
हिन्दी में - हड़जोड़
गुजराती में - हाडसांकल
मराठी में - कांडवेल
बांग्ला में - हाड़जोड़ा
तमिल में - पिण्डयि
तेलुगु में - नल्लेरू
कन्नड़ में - मंगरोली
अंग्रेज़ी में - एडिबुल-स्टेम्ड वाइन कहते हैं जबकि
लैटिन में - सिसस कवैडरेन्गुलारिस( Cissus Quadrangularis, Vitis Quadrangularis) जैसे नामों से जाना जाता है
लम्बी-लम्बी तीन-चार धारी वाली हड्डियों के सांकल के समान दिखने वाली लता होने कारण ही इसे अस्थि श्रृंखला कहा जाता है. तासीर में यह उष्ण या गर्म होती है.
हड़जोड़ के गुण
आयुर्वेदानुसार यह कफ़वात शामक, पित्तवर्द्धक, अस्थिसंधानीय, दीपक, पाचक, अनुलोमक, स्तम्भक, रक्त शोधक, रक्त स्तम्भक और क्रीमी नाशक जैसे गुणों से भरपूर होती है.
हड़जोड़ के उपयोग
हड्डी टूटने और वात रोगों में अक्सर गाँव के लोग इसके पकौड़े बनाकर खाते हैं. इसके काण्ड के छिलके हटाकर, उड़द की दाल में मिक्स कर तिल के तेल में पकौड़े बनाकर खाने से हर तरह के वात रोगों में चमत्कारी लाभ होता है. यकीन न हो तो आप से आज़मा कर देख लें.
हड्डी टूटने पर इसे इसे पीसकर इसका लेप कर ऊपर से प्लास्टर करने से टूटी हुयी हड्डी बहुत तेज़ी से जुड़ जाती है.
टूटी हड्डी के रोगी को इसका ताज़ा रस दस से बीस ML तक पीना चाहिए.
रीढ़ की हड्डी के दर्द में इसके कांडों का बिछौना बनाकर रोगी लिटाया जाता है, यह एक प्राचीन प्रयोग है.
हड़जोड़ और सोंठ बराबर मात्रा में लेकर कूटपीसकर चूर्ण बनाकर सेवन करने से अग्निमान्ध और अजीर्ण दूर होकर पाचन शक्ति ठीक होती है और भूख बराबर लगने लगती है.
मसूड़ों की सुजन में इसके रस को मूंह में रखने से लाभ होता है.
ध्यान रहे - इसे स्किन पर ऐसे ही लगाने या फिर खाने से थोड़ी चुन-चुनाहट होती है.
अस्थिसंहारकादि चूर्ण -
भैषज्य रत्नावली में वर्णित यह एक बड़ा ही विशिष्ट योग है जिसे आज का वैद्य समाज भूल गया है.
इसका निर्माण बड़ा ही सरल है, इसके लिए हड़जोड़ के कांड और पत्ते, पीपल की लाख, गेहूँ दाना और अर्जुन छाल सभी समान भाग लेकर कूट-पीसकर चूर्ण बना लें. एक चम्मच इस चूर्ण को सुबह-शाम एक टी स्पून घी और एक ग्लास दूध के साथ लेने से टूटी हुयी हड्डी, टुटा हुआ जोड़ और हर तरह के फ्रैक्चर में बेजोड़ लाभ होता है.
तिल तेल में सिद्ध कर इसका तेल भी बनाया जाता है जो चोट-मोच, वात व्याधि और फ्रैक्चर में लाभकारी होता है.
आयुर्वेद की प्रसिद्ध औषधि 'लक्षादि गुग्गुल' का भी यह एक घटक है.
यह थी आज की जानकारी, हड़जोड़ के बारे में.
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