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16 मई 2021

ऑक्सीजन लेवल गिरने नहीं देती यह औषधि - 100% गारन्टी

 


आज के समय में अक्सर लोग पूछते रहते हैं कि आयुर्वेद में ऐसी कोई औषधि है जो शरीर में ऑक्सीजन लेवल कम न होने दे? ऑक्सीजन की कमी से हमारे देश में हज़ारों मौतें हो रही हैं और लोग ऑक्सीजन सिलिंडर पाने के लिए कितना परेशान हो रहे हैं यह सब किसी से छुपा नहीं है. 

आयुर्वेदिक ग्रंथों में ऐसे अनेकों योग भरे पड़े हैं जो बड़ी से बड़ी बीमारी में तेज़ी से रिजल्ट देते हैं. ऐसा ही एक योग है 'गोरोचनादि गुलिका' 

गोरोचनादि गुलिका के घटक या कम्पोजीशन - 

यह एक स्वर्ण घटिक औषधि है जो अनेकों जड़ी-बूटियों और भस्मों के संयोग से बनायी जाती है, इसका मुख्य घटक गोरोचन है जिसके कारण ही इसे गोरोचनादि गुलिका का नाम दिया गया है. गुलिका, गुटिका, वटी जैसे नाम आयुर्वेद में गोली या टेबलेट के ही होते हैं. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसे यह सब मिले होते हैं - 

गोरोचन, मृगश्रृंग भस्म, रुद्राक्ष, चन्दन, बच, उशीर, कमल, गोश्रृंग,महिषा श्रृंग, नाग भस्म, स्वर्ण भस्म, प्रवाल भस्म, टंकण भस्म, रसौत, कपूर, अम्बर, जीरा, काला जीरा, द्रोणपुष्पि, किरातिक्त, कर्पसा, अपामार्ग, लहसुन, चीराबिल्व, सोंठ, मिर्च, पीपल, अग्निमन्था, ईश्वरी, पाठा, शँखपुष्पि, नीलिनी, हर्रे, बहेड़ा, आँवला, जायफल, सौंफ़ और मोथा प्रत्येक समान भाग लेना होता है. 

निर्माण विधि यह है कि सभी जड़ी-बूटियों का बारीक चूर्ण कर भस्मों को मिलाकर अदरक के रस में घोटकर एक-एक रत्ती की गोलियाँ बनाकर सुखाकर रख लें. 

मात्रा और सेवन विधि 

एक से दो-गोली तक सुबह-दोपहर-शाम यानि डेली तीन बार गर्म पानी से, या फिर वैद्य जी के निर्देशानुसार

गोरोचनादि गुलिका के गुण 

आयुर्वेदानुसार यह वात और कफ़ दोष को बैलेंस करता है और पित्त को जागृत करता है.

गोरोचनादि गुलिका के फ़ायदे 

इसके सेवन से पहले दिन से ही ऑक्सीजन लेवल गिरने नहीं देता और कोरोना जैसे तमाम लक्षणों को दूर करने में असरदार है. आज के समय में देश के कई अनुभवी वैद्य इसका प्रयोग कर लोगों की जान बचा रहे हैं. 

बुखार, न्युमोनिया, खांसी, सर्दी, साँस की तकलीफ, अस्थमा, गले का इन्फेक्शन, टोन्सीलाइटिस, कम सुनाई देना, आँखों की रौशनी की कमी, हार्ट की कमजोरी, पाचन शक्ति की कमज़ोरी जैसे रोगों को दूर करने में बेहद असरदार है. 

चूँकि यह अधीक प्रचलित योग नहीं है इसलिए इक्का दुक्का आयुर्वेदिक कम्पनियां ही इसका निर्माण करती हैं, जिसे आप सर्च कर सकते हैं या स्थानीय वैद्य जी से पता कर सकते हैं. 


09 मई 2021

Drink daily and boost your Immunity | अपनी इम्युनिटी बढ़ाएं इस काढ़े से

 


पिछले विडियो में मैंने एक काढ़े का ज़िक्र किया था जिसके सेवन से मुझे कोरोना जैसे लक्षणों में काफ़ी लाभ हुआ था. तो आईये जानते हैं इस काढ़े के फ़ायदे और इसमें मिलायी जाने वाली चीजों के गुण के बारे में विस्तार से जानते हैं- 

सबसे पहले एक बार फिर से काढ़ा का Ingredients एक बार फिर से जान लेते हैं -

kadha


काढ़ा बनाने के लिए चाहिए होता है 

लौंग 4 दाना 

इलायची 4 दाना 

दालचीनी - छोटा टुकड़ा 

काली मिर्च 5 दाना 

तेजपात 3 पीस 

तुलसी के पत्ते 7 पीस 

कलोंजी(मंग्रेला) 1/2 स्पून 

अदरक- छोटा टुकड़ा 

हल्दी 1 स्पून 

गुड़ 2 स्पून 

इन सभी को 1 लीटर पानी में उबालकर चाय की तरह पीना है. चाहें तो इसमें आप आधा स्पून चाय पत्ती भी मिला सकते हैं 

इस काढ़ा के फ़ायदे- 

इसे पीने से सर्दी-खाँसी, जुकाम, बुखार, मुँह का स्वाद जाना, स्मेल नहीं आना जैसे लक्षणों में फ़ायदा मिलता है और यह इम्युनिटी पॉवर या रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. इसे पीने से वायरल रोगों से बचाव होता है. 

आईये अब जान लेते हैं इसमें मिलायी गयी चीजों के बारे में आयुर्वेद क्या कहता है, थोड़ा संक्षेप में जान लेते हैं - 

लौंग -

अंग्रेज़ी में इसे क्लोव कहते हैं जबकि आयुर्वेद में इसे लवंग कहा गया है. लौंग के गुणों की बात करें तो यह एंटी वायरल, एंटी सेप्टिक, एंटी-माइक्रोबियल जैसे गुणों से भरपूर होता है. सर्दी-जुकाम, साइनस, दांत दर्द को दूर करता है और पाचन ठीक करने में मदद करता है. 

इलायची -

छोटी इलायची एक बेजोड़ आयुर्वेदिक औषधि है. न सिर्फ इसका सुगन्ध और स्वाद बढ़िया होता है बल्कि गुणों में भी बेजोड़ है. खाँसी, सर्दी-जुकाम, गले की ख़राश, गले की सुजन, गैस, एसिडिटी और साँस की तकलीफ़ में यह असरदार है. यह एन्टी ऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है.

दालचीनी - 

दालचीनी ब्लड प्रेशर को नार्मल करती है. सर्दी-जुकाम और एलर्जी को दूर करती है और बचाव भी करती है. आयुर्वेद का प्रसिद्ध योग 'त्रिजात' का यह अभिन्न अंग है. जो लगभग सभी रसायन औषधियों में प्रयोग होती है. 

काली मिर्च-

अंग्रेजी में ब्लैक पीपर, पीपर और लोकल भाषा में गोलकी के नाम से भी जाना जाता है. यह भी आयुर्वेदिक औषधियों की अभिन्न अंग है. सर्दी-खाँसी, जुकाम, सर दर्द दूर करती है. दांत दर्द, पाचन कमजोरी, कोलेस्ट्रॉल, शुगर इत्यादि अनेकों रोगों में इसका सेवन लाभकारी है. इसके गुणों की जितना प्रशंशा की जाये कम है. 

तेजपात -

इसे पत्ता और तीस पत्ता भी कहा जाता है. भारतीय किचन में यह प्रमुखता से प्रयोग किया जाता है. यह हार्ट को शक्ति देता है. सर्दी, जुकाम, कफ़ को दूर करता है 

तुलसी - 

तुलसी को कौन नहीं जानता? तुलसी की पत्तियां बुखार, सर्दी-जुकाम, ठण्ड लग्न, बलगम आना, खांसी, सर दर्द, साँस की तकलीफ़ जैसी अनेक समस्याओं के लिए बेहद असरदार है. इम्युनिटी बढ़ाने और निरोग रखने में मदद करती है. 

कलौंजी -

कलौंजी को मंग्रेला के नाम से जाना जाता है. यह त्रिदोष नाशक है. काले रंग के यह छोटे-छोटे बीज बड़े-बड़े गुणों से भरपूर होते हैं. यह सर से लेकर पैर तक के सभी रोगों में फ़ायदेमंद है. हदीस में है कि काले रंग के यह छोटे बीज मौत के सिवा हर मर्ज़ को दूर करता है. 

अदरक - 

वात-कफ़ रोगों के लिए अदरक बेजोड़ औषधि है. इसके बिना आयुर्वेद की कोई भी रसायन औषधि नहीं बनती है. सर्दी-जुकाम, कफ़ को दूर करने में बेजोड़ है. कब्ज़, गैस, कोलेस्ट्रॉल, गठिया, वातरोग जैसे अनेकों रोगों में असरदार है. 

हल्दी - 

पीले रंग की यह जड़ी गुणों का भण्डार है. यह नेचुरल एन्टी बायोटिक की तरह काम करती है वह भी बिना साइड इफ़ेक्ट के. स्किन से लेकर लिवर, सर्दी-जुकाम से लेकर कैंसर जैसी बीमारी में भी असरदार है. एंटी ऑक्सीडेंट है, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है. 

गुड़ - 

स्वाद में मीठापन लिए हुआ यह पदार्थ हमारे हेल्थ के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद है. जुकाम और खाँसी को दूर करता है. कब्ज़, गैस, पाचन शक्ति की कमज़ोरी, खून की कमी जैसे अनेकों रोगों में इसके सेवन से लाभ होता है. 

तो दोस्तों, अब आप समझ सकते हैं कि इतनी सारी चीज़ों को मिलाकर बनाने के बाद यह काढ़ा कितना असरदार हो जाता है. यह एक ऐसा कॉम्बिनेशन है जिसका मुकाबला दूसरा कोई भी काढ़ा नहीं कर सकता. 

आज के समय के लिए यह सबसे उपयुक्त है. सभी लोगों को इसका सेवन कर लाभ उठाना चाहिए. 

पित्तज प्रकृति के लोग या जिनको एसिडिटी, हाइपर एसिडिटी जैसी समस्या हो तो कम मात्रा में ही इसका सेवन करें. 

और बहुत ज़्यादा भी इसका यूज़ न करें कि पेट गर्म हो जाये. हर चीज़ को अपनी बॉडी के अनुसार ही लेना चाहिए. कोई भी चीज़ कितनी भी अच्छी क्यों न हो, बहुत ज़्यादा यूज़ करना ठीक नहीं होता.

कहा भी गया है - अति सर्वर्त्र वर्जयेत




06 मई 2021

My Personal Experience | तेज़ बुखार, खाँसी, सर्दी, मुँह का स्वाद जाना, स्मेल नहीं आना से मुक्ति

 इस विडियो में मैं आपको बताने वाला हूँ कि मुझे कोरोना जैसे लक्षण होने पर कौन सी औषधि सेवन करने से मुक्ति मिली है - 


जय हिन्द, जय आयुर्वेद !