आज वैद्य जी की डायरी में बताने वाला हूँ बाजीकरण चूर्ण के बारे में जो कमज़ोरी, वीर्य विकार, नामर्दी, शीघ्रपतन, जोड़ों का दर्द और कमर दर्द जैसे रोगों में असरदार है, तो आइये बाजीकरण चूर्ण के बारे में सबकुछ जानते हैं-
बाजीकरण चूर्ण एक अनुभूत योग है जिसका निर्माण कर प्रयोग किया जाता है.
बाजीकरण चूर्ण के घटक-
इसके घटक या कम्पोजीशन की बात करें तो इसे बनाने के लिए चाहिए होता है असगंध नागौरी, विधारा और मधुयष्टि एक-एक भाग, देसी सोंठ और गिलोय सत्व चौथाई भाग और मिश्री दो भाग. निर्माण विधि बहुत ही सरल है, सभी काष्टऔषधियों का चूर्ण कर पीसी मिश्री और गिलोय सत्व मिक्स कर रख लें.
बाजीकरण चूर्ण की मात्रा और सेवन विधि -
एक स्पून या 5 से 10 ग्राम तक सुबह-शाम फाँक कर ऊपर से मिश्री मिला गुनगुना दूध पियें या गुनगुना पानी. भोजन के बाद ही सेवन करें.
बाजीकरण चूर्ण के फ़ायदे
इसके सेवन से मर्दाना कमज़ोरी, नामर्दी, वीर्य विकार जैसे समस्त पुरुष यौन रोगों में लाभ होता है.
जोड़ों का दर्द, कमर दर्द, गठिया-साइटिका जैसे वात रोग, हड्डी से कट-कट की आवाज़ आना जैसी प्रॉब्लम में भी इस से दूर होती है, लगातार इसका सेवन करते रहने से.
पाचन शक्ति को सुधारता है और कब्ज़ दूर करता है. महिला-पुरुष सभी इसका सेवन कर सकते हैं.
हर मौसम में इसका प्रयोग कर सकते हैं, लॉन्ग टाइम तक सेवन करने से भी कोई नुकसान नहीं होता है. लगातार कुछ समय इसका प्रयोग करने से निश्चित रूपसे लाभ होता है.
यह मार्केट में नहीं मिलता, इसे ख़ुद बनाकर यूज़ करें या फिर अमृत योग मिले हुवे बाजीकरण चूर्ण ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं जिसका लिंक दिया गया है- बाजीकरण चूर्ण
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