नागार्जुनाभ्र रस एक शास्त्रीय औषधि है जो ह्रदय रोगों के अतिरिक्त दुसरे रोगों में भी असरदार है.
नागार्जुनाभ्र रस के घटक या कम्पोजीशन -
सहस्रपुटी अभ्रक भस्म और अर्जुन छाल का क्वाथ मात्र दो चीज़ ही इसके घटक हैं.
उत्तम क्वालिटी के सहस्रपुटी वज्राभ्रक भस्म में अर्जुन छाल के क्वाथ की सात भावना देकर खरलकर एक-एक रत्ती की गोलियां बनाकर सुखाकर रख लें. यही नागार्जुनाभ्र रस है. कुछ वैद्यगण सहस्रपुटी की जगह साधारण अभ्रक भस्म से ही इसे बनाते हैं, यह भी असरदार है बस इसकी गोलियां दो-दो रत्ती की बनानी चाहिए.
नागार्जुनाभ्र रस गुण या प्रॉपर्टीज-
यह हृदयशूल या दिल का दर्द दूर करने वाला, त्रिदोष नाशक, बल-वीर्य वर्धक और रसायन जैसे गुणों से भरपूर है.
नागार्जुनाभ्र रस के फ़ायदे-
किसी भी वजह से होने वाला दिल का दर्द, एनजाइना, वाल्व का दर्द, हार्ट के मसल्स का दर्द, सीने में ज़ोर लगने से होने वाला दर्द को दूर करता है.
हार्ट की सुजन, जकड़न, भारीपन, खून की कमी, हार्ट की कमज़ोरी को दूर करता है.
धड़कन, हार्ट बीट कम ज्यादा होना में असरदार है. यह हृदय की अनियमित गति को नियमित करने में बेहद असरदार है.
मतलब आप समझ सकते हैं कि हार्ट की हर तरह की समस्या में यह असरदार है, बल्कि यह हार्ट के अलावा कुछ दूसरी प्रॉब्लम में भी असरदार है जैसे -
भूख की कमी, एनीमिया, खून की कमी, एसिडिटी, जौंडिस, रक्तपित्त, सुजन, टी. बी., मलेरिया, दस्त, उल्टी और पाचन विकृति में भी इस से लाभ होता है.
चूँकि अभ्रक भस्म इसका मुख्य घटक है जो अपने आप में योगवाही और रसायन गुणों से भरपूर होता है तो यह बल-वीर्य वर्धक और रसायन औषधि भी है. चेहरे की चमक को बढ़ाकर अन्दर से शक्ति देता है.
यह न सिर्फ दिल बल्कि दिमाग के लिए भी असरदार है, नर्वस सिस्टम की कमज़ोरी दूर करता है और मेमोरी पॉवर बढ़ाता है.
नागार्जुनाभ्र रस एक औषधि है जिसे सभी लोग यूज़ कर सकते हैं, हार्ट की दूसरी दवाओं की तरह इसका यूज़ करने के लिए कोई ज्यादा सोच विचार करने की ज़रूरत नहीं होती, क्यूंकि यह बिलकुल सेफ़ दवा है.
नागार्जुनाभ्र रस की मात्रा और सेवन विधि -
एक-एक गोली सुबह-शाम शहद से
50 ग्राम की कीमत है सिर्फ़ 300 रुपया जिसका लिंक दिया गया है - Nagarjunabhra Ras
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