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30 अप्रैल 2020

Bhuvan Bhaskar Ras | भुवन भास्कर रस - कैन्सर की आयुर्वेदिक औषधि


भुवन भास्कर रस एक स्वर्णकल्प है जिसमे भस्मों के अलावा जड़ी-बूटियों का भी मिश्रण होता है.

भुवन भास्कर रस के घटक- कज्जली 10 ग्राम, शुद्ध गंधक, शुद्ध हरताल, शुद्ध मैनसिल, स्वर्ण भस्म, अभ्रक भस्म सहस्रपुटी, लौह भस्म और खर्पर भस्म प्रत्येक 5-5 ग्राम, बंग भस्म, नाग भस्म, ताम्र भस्म प्रत्येक 10-10 ग्राम, गोखरू, शुद्ध भिलावा, सोंठ, मिर्च, पीपल, गिलोय, विदारी कन्द और वराही कन्द प्रत्येक 5-5 ग्राम.

निर्माण विधि - सभी जड़ी-बूटियों का बारीक चूर्ण कर अलग रख लें, कज्जली और भस्मों को अच्छी तरह से मिक्स करने के बाद जड़ी-बूटियों के चूर्ण को मिलाकर आँवला के रस और नीम के पत्तों के रस की अलग-अलग एक-एक भावना देकर सुखाकर रख लें. 

भुवन भास्कर रस की मात्रा और सेवन विधि - 125 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम तक 2 स्पून शहद और चौथाई स्पून देसी घी में मिक्स कर चाटकर खाना चाहिए, रोज़ दो बार सुबह-शाम

हर तरह के कैंसर की प्रथम अवस्था में बेहद असरदार है. ब्लड कैंसर, थ्रोट कैंसर, ब्रेन कैंसर, ब्रैस्ट कैंसर, पेट का कैंसर और कैंसर वाले ट्यूमर, सिस्ट, अबुर्द, शिश्नाबुर्द में भी प्रयोग कर सकते है.

चिकित्सक बन्धु से आग्रह है कि इस योग का निर्माण कर रोगियों पर प्रयोग कराएँ और जो भी रिजल्ट मिलता है ज़रूर बताएं. 



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