अगर आप डायबिटीज से परेशान हैं और शुगर लेवल बढ़ा हुआ है तो आजकी जानकारी आपके लिए है. जैसा कि आप सभी जानते हैं जिस किसी को डायबिटीज हो जाती है उसे मीठी चीज़ों से परहेज़ करना पड़ता है और साथ ही शुगर लेवल कण्ट्रोल में रखने के लिए दवाईयाँ लेनी पड़ती है. और यदि आप अंग्रेज़ी दवा पर डिपेंड हैं तो इसका डोज़ धीरे-धीरे बढ़ता ही जाता है और किसी-किसी को तो इन्सुलिन का इंजेक्शन तक लेने की नौबत आ जाती है. तो ऐसी कौन सी दवा ली जाये जिस से न सिर्फ़ शुगर लेवल नार्मल रहे बल्कि इस बीमारी से मुक्ति भी मिले? आईये इसके बार में विस्तार से जानते हैं -
आप मानें या न माने टाइप वन और टाइप टू या हर तरह की डायबिटीज के लिए सिर्फ़ और सिर्फ़ आयुर्वेदिक दवाएँ ही सबसे बेस्ट हैं. और यदि नियमपूर्वक इनका सेवन किया जाये और रोग नया हो तो आप इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं.
तो अब सवाल यह उठता है कि कौन सी औषधि इसके लिए सेवन करनी चाहिए?
अपने अनुभव के आधार पर मेरा जवाब यह है इसके लिए काष्ठ औषधियों के योग के साथ रसायन औषधि भी लेना आवश्यक है तभी बेस्ट रिजल्ट मिलता है.
इसके लिए कम से कम दो तरह की औषधि लेनी चाहिए सुगरोल चूर्ण और स्पेशल बसन्त कुसुमाकर रस
यह जो सुगरोल चूर्ण है इसका कॉम्बिनेशन बेजोड़ है. इसे मधुमेह के लिए प्रयुक्त होने वाली जड़ी-बूटियों के संतुलित मिश्रण से बनाया गया है. इसके मुख्य घटक हैं -
जम्बूफल की गुठली, गुडमार, नाय, बेलपत्र, तेजपत्र और मेथीदाना जैसी चीज़ें इसका मुख्य घटक होती हैं.
इसके निरंतर सेवन से ब्लड शुगर और यूरिन शुगर का लेवल नार्मल हो जाता है. शुगर को कण्ट्रोल करने वाली किसी भी अंग्रेजी दवा से यह सौ गुना बेहतर है. क्यूंकि इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता और डायबिटीज की वजह से होने वाली दूसरी कम्पलीकेशन को भी दूर कर देता है.
इसके साथ जो दवा लेनी होती है वह है स्पेशल बसन्त कुसुमाकर रस. वैसे तो यह आयुर्वेद की पॉपुलर मेडिसिन है जो मार्केट में कई बड़ी नामी कंपनियों की मिल जाती है पर उनसे इसके जैसा रिजल्ट नहीं मिलता है क्यूंकि यह जो स्पेशल बसन्त कुसुमाकर रस है इसे विशेष भावना देकर बनाया गया है. यह एक बेजोड़ शास्त्रीय योग है जो बीमारी दूर कर शरीर में नवयौवन लाता है और चुस्ती-फुर्ती का संचार करता है.
शास्त्रों में इसकी प्रशंशा में लिखा गया है- सर्व रोगों वसन्ते !!
अथार्त - जिस तरह से बसन्त का मौसम आने पर फूल खिल जाते हैं ठीक उसी तरह इस औषधि के सेवन से शरीर में नयी शक्ति, स्फूर्ति और ऊर्जा आती है और शरीर खिल उठता है. यह पुरुषों की मर्दाना कमज़ोरी, यौन रोगों और महिलाओं के लिए भी समान रूपसे लाभकारी है.
बसन्त कुसुमाकर रस के बारे में अधिकतर लोगों में यह धारणा कि बुजुर्गों की दवा और सिर्फ डायबिटीज के लिए है. यह बिल्कुल ग़लत है, अनुपान भेद से यह अनेक रोगों में प्रयोग की जाती है.
इन दो दवाओं के इस्तेमाल से अनेकों रोगियों को लाभ हुआ है. उदाहरण के लिए एक रोगी की रिपोर्ट बताना चाहूँगा -
51 साल की एक महिला रोगी जिनका ब्लड सुगर लेवल 400 से ऊपर था और इसकी वजह से आँखों की रौशनी भी कम हो गयी थी. 20 अगस्त की इनकी रिपोर्ट देख सकते हैं -
एक हफ़्ते यही दवा इस्तेमाल करने के बाद जब टेस्ट कराया गया तो रिपोर्ट में शुगर 145 आयी, 28 अगस्त की रिपोर्ट आप देख सकते हैं -
11 सितम्बर की रिपोर्ट नार्मल आई और उनकी सारी प्रॉब्लम दूर हो गयी, जैसा कि आप रिपोर्ट में देख सकते हैं -
यह तो Example का तौर पर बता रहा हूँ, ऐसे बहुत सारी रिपोर्ट्स से मेरा व्हाट्सऐप भरा पड़ा है.
औषधि की मात्रा और सेवन विधि -
चूर्ण को एक स्पून सुबह-शाम लेना है ताज़े पानी से भोजन के बाद. और स्पेशल बसन्त कुसुमाकर रस की जो गोली है इसे 2-2 गोली सुबह-शाम आधा कप दूध में घोलकर लेना चाहिए.
चूर्ण की क़ीमत सिर्फ़ 100 रुपया सौ ग्राम के पैक की, जबकि स्पेशल बसन्तकुसुमाकर रस 325 रुपया का है 1 पैक
यह दोनों दवा अवेलेबल है ऑनलाइन जिसका लिंक दिया जा रहा है -
तो दोस्तों, ये थी आज की जानकारी डायबिटीज या मधुमेह से मुक्ति दिलाने वाली औषधि के बारे में.
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