वैद्य जी की डायरी में आज अस्थमा या दमा के लिए बहुत ही सिम्पल और आसान सा योग बताने वाला हूँ जिसका इस्तेमाल हर कोई आसानी से कर सकता है, तो आईये इसके बारे में पूरी डिटेल्स जानते हैं-
लोग कहते हैं कि दमा दम के साथ जाता है, कुछ हद तक यह सही भी है पर यदि सही ट्रीटमेंट मिले तो यह बीमारी ठीक भी हो जाती है. इसके लिए आयुर्वेद में कई तरह की शास्त्रीय औषधियाँ हैं जो बीमारी को दूर करने में सक्षम होती हैं. इसके अलावा कई तरह के अनुभूत योग भी हैं जिसे वैद्य लोग रोगियों पर प्रयोग करते हैं, ऐसा ही एक योग है जिसे मैं बताने वाला हूँ जिसका नाम है श्वास नाशक योग
इसके लिए सिर्फ दो चीज़ें चाहिए - देसी गेहूं और हल्दी दोनों आर्गेनिक हो तो अत्ति उत्तम. गेहूं 200 ग्राम तो हल्दी 100 ग्राम
श्वास नाशक योग निर्माण विधि -
इसे बनाने का तरीका बहुत आसान है, मिट्टी के बर्तन गेहूं को चूल्हे पर रखकर जलाना है, कोयला होने तक. इसी तरह हल्दी को भी जला लें. यहाँ पर ध्यान रखने वाली बात यह है कि इसे जलाकर राख नहीं करना है बल्कि कोयला होने तक ही जलाना है. ठण्डा होने पर कूट-पीसकर बारीक पाउडर बनाकर रख लें, बस श्वास नाशक योग तैयार है.
श्वास नाशक योग की मात्रा और सेवन विधि -
इसे कल्प विधि कुल 51 दिन प्रयोग करना होता है विशेष विधि से. पहले दिन इसे 5 ग्राम सुबह ख़ाली पेट पानी से लेना है रोज़ एक बार. इसी तरह से रोज़ एक ग्राम का डोज़ बढ़ाते हुए पच्चीसवें दिन 30 ग्राम का डोज़ हो जायेगा, इसके बाद रोज़ एक ग्राम डोज़ कम करते हुए जब 5 ग्राम पर डोज़ आने पर बंद कर दें.
यह व्यस्क व्यक्ति की मात्रा है. कल्प विधि से 51 दिनों तक प्रयोग करने से अस्थमा और कफ़ वाली खाँसी से मुक्ति मिल जाती है.
वैद्य जी की डायरी में आज इतना ही, इसके बारे में कोई सवाल हो तो कमेंट कर पूछिये. जानकारी अच्छी लगी तो लाइक और शेयर ज़रूर कीजिये.
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