दिर्घायु चूर्ण विशुद्ध आयुर्वेदिक औषधि है जो दुबले पतले लोगों का वज़न बढ़ाती है, पढने वाले बच्चों की बुद्धि और मेमोरी पॉवर बढ़ाती है, नव युवको का पॉवर-स्टैमिना बढ़ाती है, महिलाओं को फिट रखती है और बुजुर्गों को स्वस्थ रखने में मदद करती है. तो आईये आज के इस विडियो में दिर्घायु चूर्ण के बारे में विस्तार से जानते हैं- दिर्घायु चूर्ण जैसा कि इसका नाम है, यह सिर्फ एक चूर्ण ही नहीं बल्कि रसायन है. यह लम्बा जीवन प्रदान करता है मनुष्य को स्वस्थ रखते हुवे. स्वस्थ रहने और लम्बा जीवन जीने के लिए जिन आवश्यक पोषक तत्वों की बॉडी को ज़रूरत होती है वह सारे पोषक तत्व या विटामिन्स और मिनरल्स से यह भरपूर है. दिर्घायु चूर्ण के घटक या कम्पोजीशन - यह पूरी तरह से नेचुरल और Vegetarian प्रोडक्ट है जो जड़ी-बूटियों, खनिज और ज़रूरी पोषक तत्वों के मिश्रण से बनाया जाता है.
इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसके प्रत्येक 10 ग्राम में होता है - शुद्ध घृतकुमारी एक्सट्रेक्ट- 1000 mg शुद्ध देसी गेहूं अंकुरित - 1000 mg सोयाबीन अंकुरित - 1000 mg साबुत उरद अंकुरित - 1000 mg साबुत मुंग अंकुरित - 1000 mg शुद्ध कौंच बीज- 200 mg शुद्ध चोंटली- 200 mg सफ़ेद मूसली- 200 mg शतावर- 200 mg बीजबन्द - 200 mg उटंगन बीज- 200 mg विधारा- 200 mg गोखरू- 200 mg अर्जुन- 200 mg असगंध - 200 mg कायफल- 100 mg तालमखाना- 100 mg सालम पंजा- 100 mg पारसिक यवानी - 100 mg माजूफल- 100 mg मोचरस- 100 mg जायफल - 20 mg अकरकरा - 20 mg लौंग- 20 mg दालचीनी - 20 mg शुद्ध शिलाजीत - 20 mg अभ्रक भस्म शतपुटी - 20 mg शुद्ध मिश्री - Q.S के मिश्रण से विशेष विधि(सभी अन्न द्रव्यों को घृतकुमारी के एक्सट्रेक्ट में 24 घंटे भिगोने के बाद, 48 घन्टे में अंकुरित कर छायाशुष्क होने के बाद, इमामदस्ते में कूटकर, देशी गाय के घी में भुनकर) से बनाया जाता है. इसमें शुद्ध देसी गाय के घी की भी थोड़ी मात्रा होती है. दिर्घायु चूर्ण के गुण - यह उत्तम पौष्टिक, दुबले-पतले लोगों का वज़न बढ़ाने वाला, शक्ति देने वाला, नवयुवकों में बल-वीर्य, पॉवर-स्टैमिना बढ़ाने वाला, चिंता-तनाव, स्ट्रेस दूर करने वाला, दिल-दिमाग को ताक़त देने वाला, मेमोरी पॉवर बढ़ाने वाला, लिवर-स्प्लीन, किडनी को शक्ति देने वाला, पाचन शक्ति ठीक करने वाला, एंटी ऑक्सीडेंट और टॉनिक जैसे गुणों से भरपूर होता है. दिर्घायु चूर्ण के फ़ायदे- इसके फ़ायदे की बात करें तो यह बच्चे-बड़े, बूढ़े, नवयुवक, महिला-पुरुष सभी के लिए लाभकारी है. अगर आप दुबले-पतले हैं और तरह-तरह की दवा की खाने के बाद भी आप का वेट गेन नहीं होता और हेल्थ इम्प्रूव नहीं होता इसका सेवन करें. इसके सेवन से दुबले-पतले लोगों का वज़न एक महिना में 3-4 किलो तक बढ़ जाता है. लड़का-लड़की सभी इसका सेवन कर सकते हैं. याद रखें, मोटे लोगों का वज़न इसके सेवन से नहीं बढ़ता है. अगर आप नवयुवक हैं, पौरुष शक्ति की कमी है, शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, धात की समस्या, शुक्राणुओं की कमी जैसी कोई भी यौन समस्या है तो इसका सेवन अवश्य करें. यह आपकी हर तरह की मर्दाना कमज़ोरी दूर कर शुक्राणुहीनता को नष्ट करता है. इसी तरह महिला बाँझपन को भी दूर कर संतान प्राप्ति में मदद करता है. महिलाओं की पीरियड रिलेटेड प्रॉब्लम को दूर कर कंसीव करने के हेल्प करता है. कमर दर्द, धातरोग या ल्यूकोरिया को दूर करता है और महिला के स्वस्थ और सुन्दरता को बढ़ाता है. यदि आप किशोर हैं या आपकी उम्र दस-बारह साल से अधीक है और आप स्टूडेंट हैं तो भी इसका सेवन करना चाहिए. इसके इस्तेमाल से मेमोरी पॉवर और सिखने की क्षमता बढ़ती है और आप हर एग्जाम में फर्स्ट आ सकते हैं क्यूंकि इसमें मिलाई गयी जड़ी-बूटियां दिमाग तेज़ करती है, सिखने की क्षमता, मेमोरी पॉवर और बुद्धि बढ़ाती है. अगर आप की उम्र ज़्यादा है 40+ क्रॉस कर चुके हैं या फिर आप वृद्ध व्यक्ति के श्रेणी में आते हैं तो भी इसका सेवन करें. इसके इस्तेमाल से बुढ़ापे के रोग आपके पास नहीं आएंगे जैसे जोड़ों का दर्द, चलने-फिरने में तकलीफ होना, भूख की कमी, कमजोरी, साँस की समस्या या अस्थमा और बुढ़ापे के दुसरे रोग. इसका इस्तेमाल करने से आपको बुढ़ापे में हाँथ में कभी लाठी या स्टिक आने नहीं देगा. तो दोस्तों, बताई गयी किसी भी तरह की प्रॉब्लम है तो दिर्घायु चूर्ण का इस्तेमाल शुरू कीजिये स्वस्थ जीवन का आनन्द लीजिये. दिर्घायु चूर्ण परीक्षित और अनुभूत आयुर्वेदिक योग है, इसके सेवन से किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट या नुकसान नहीं होता है. दिर्घायु चूर्ण की मात्रा और सेवन विधि - 3 से 6 ग्राम तक सुबह-शाम दूध से लेना चाहिए. यह व्यस्क व्यक्ति की मात्रा है. दस साल से बड़े बच्चों को दो ग्राम तक सुबह-शाम दूध के साथ लेना चाहिए. इसे भोजन के आधे घन्टे बाद ही लेना चाहिए. चूँकि इसमें शुद्ध मिश्री की मात्रा है तो जिनका शुगर लेवल बढ़ा हो, यूज़ न करें. शुगर रोगी शुगर फ्री वाला भी आर्डर कर सकते हैं. इसके 100 ग्राम के पैक की कीमत है सिर्फ़ 300 रुपया. ऑफर के साथ इसका 100 ग्राम का दो पैक दिया जा रहा है सिर्फ़ 500 रुपया में, सिर्फ़ आप लोगों को जो हमारे चैनल के विवर्स और सब्सक्राइबर हैं. इसे आप ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं अमेज़न से निचे दिए लिंक से -
आज मैं एक बेजोड़ आयुर्वेदिक मंजन के बारे में बताने वाला हूँ जिसका नाम है 'दन्त रक्षक पाउडर'. मसूड़ों से खून आना या पायरिया, मसूड़ों की सुजन, दांत हिलना, दाँतों का कालापन, दाँत दर्द, सेंसिटिविटी या ठंडा-गर्म लगना और मुंह की बदबू जैसी प्रॉब्लम में इसका कोई जवाब नहीं. तो आईये इसके बारे में जानते हैं पूरी डिटेल - 'दन्त रक्षक पाउडर' का जो कॉम्बिनेशन है वो बेजोड़ है, इसके जैसे कॉम्बिनेशन वाला कोई भी प्रोडक्ट मार्किट में नहीं मिलता है. इसका फार्मूला मैंने आज से करीब 20 साल पहले तैयार किया था और यह शत प्रतिशत सफल है. 'दन्त रक्षक पाउडर' के घटक या कम्पोजीशन - इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसे काली मिर्च, सोंठ, पिप्पली, तुम्बुल, अमृतयोग, माजूफल, अकरकरा, लौंग, सेंधव लवण, बबूल की अन्तरछाल, नीम की अन्तरछाल, मौलश्री, जायफल और संगजराहत के मिश्रण से बनाया जाता है. इसमें मिलाये जाने वाले खनिज और जड़ी-बूटियाँ अपने-आप में बेजोड़ हैं.
यह मंजन इतना असरदार है कि इसे जानने वाले लोग इसे दुबई, सऊदी जैसे गल्फ़ कंट्री के अलावा अमेरिका और लन्दन भी लेकर जाते हैं. 'दन्त रक्षक पाउडर' के फ़ायदे- पायोरिया या दाँतों से खून, पस आना, दांत का दर्द, मसूड़ों की कमज़ोरी, मसूड़ों की सुजन, दांत हिलना, सेंसिटिविटी या दाँतों में ठण्डा-गर्म लगना, दाँतों का कालापन जैसी दाँतों की हर तरह की प्रॉब्लम के लिए बेजोड़ है. 'दन्त रक्षक पाउडर' आपके दांतों को सम्पूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है, अगर आपको दाँतों की कोई प्रॉब्लम नहीं भी है तो अपने दाँतों को मज़बूत बनाने के लिए इसका प्रयोग करें ताकि जीवनभर आपके मुँह में दांत रहें. अगर आपको दांत-मसूड़ों की किसी भी तरह की प्रॉब्लम है या फिर मुँह से बदबू आती है तो इसका प्रयोग करें, इसके पहले पैक से ही आपको फ़ायदा मिलेगा और दुसरे सारे टूथपेस्ट और मंजन आप भूल जायेंगे. बच्चे-बड़े, बूढ़े सभी लोग इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. निश्चित रूप से फ़ायदा मिलेगा यह मेरी गारंटी है, एक बार यूज़ करके तो देखिये. 'दन्त रक्षक पाउडर' की प्रयोग विधि - इसे मंजन की तरह की दांत और मसूड़ों पर मलें या फिर टूथ ब्रश का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. बेस्ट रिजल्ट के लिए सुबह और रात में सोने से पहले भी यूज़ करें और फिर चमत्कार देखें. इसके 50 ग्राम के दो पैक की कीमत है सिर्फ 199 रुपया. ऑफर प्राइस में सिर्फ़ 125 रुपया में अब दिया जा रहा है हमारे स्टोर lakhaipur.in पर, यहाँ से आप आर्डर कर सकते हैं - दन्त रक्षक पाउडर
तो दोस्तों, यह थी आजकी जानकारी दाँतों-मसूड़ों की हर तरह की समस्या को दूर करने वाली बेजोड़ औषधि 'दन्त रक्षक पाउडर' के बारे में.
बालों की हर तरह की प्रॉब्लम का सबसे बेस्ट उपाय आपके लिए लेकर आया हूँ जिसका नाम है 'केशरोग नाशक योग' यह एक तरह की कम्पलीट किट है जिसमे लगाने के लिए तेल, खाने का एक चूर्ण और एक कैप्सूल है. बालों का गिरना, झड़ना या टूटना, बालों का समय से पहले सफ़ेद होना, दाढ़ी मुछों का समय से पहले सफ़ेद होना, Dandruff या रुसी होना, बालों में खुजली होना जैसी बालों की हर तरह की प्रॉब्लम के लिए यह एक बेजोड़ योग है जो महिला-पुरुष सभी के लिए समान रूपसे लाभकारी है. तो आईये इसके बारे में विस्तार से बात करता हूँ - दोस्तों, आज के समय में बालों की समस्या से बहुत लोग परेशान हैं. कम उम्र में ही बालों का सफ़ेद होना बहुत ही कॉमन प्रॉब्लम हो गयी है. तरह-तरह के ऐड देखकर लोग तरह-तरह का हेयर आयल लोग ट्राई करते रहते हैं और फ़ायदा शायेद ही होता है. आपमें से कई लोग मुझसे अक्सर पूछते रहते हैं बालों के लिए बेस्ट उपचार के बारे में. और मैंने कहा भी था कि आपके लिए बेस्ट दवाई बताऊंगा. बालों की हर तरह की प्रॉब्लम के लिए दशकों से जो औषधि हम अपने रोगियों को प्रयोग कराते हैं उसी को आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ जिसे 'केशरोग नाशक योग' नाम दिया गया है. इसे बालों को पोषण देनी वाली आयुर्वेद की जानी-मानी जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनाया गया है. इस सेट में तीन तरह की औषधि है- तेल, चूर्ण और कैप्सूल सबसे पहले जानते हैं 'केशरोग नाशक तेल' के बारे में - यह विशुद्ध आयुर्वेदिक प्रोसेस 'क्षीरपाक विधि' से बनाया गया तेल है जिसमे असली ताज़े कृष्ण भृंगराज के अलावा 15 तरह की दूसरी बेहतरीन जड़ी-बूटियों का एक्सट्रेक्ट है जैसे - गैरिक, अनंतमूल, हरिद्रा, दारू हल्दी, प्रियंगु, नागकेशर, मुलेठी, कमल पुष्प, पद्माख, लोध्र, चन्दन, खरेंटी इत्यादि . बालों के अलावा दाढ़ी-मूँछ में भी लगा सकते हैं. 'केशरोग नाशक चूर्ण'- के घटकों की बात करें तो इसे छाया में सुखा हुवा काला भांगरा, जंगली आँवला, तिल और मिश्री मिला होता है. 'केशरोग नाशक कैप्सूल'- यह कैप्सूल 'केशरोग नाशक योग' का महत्वपूर्ण अंग है इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसे स्वर्णमाक्षिक भस्म, आँवला एक्सट्रेक्ट, हरीतकी एक्सट्रेक्ट, यष्टिमधु घनसत्व और भृंगराज घनसत्व के मिश्रण से बनाया गया है. यह अपने-आप में बेजोड़ योग है जो बालों को उचित पोषण प्रदान करता है. नए बालों को उगाता है, बालों की जड़ों को मजबूत कर बालों को घना, काला और लम्बा बनाता है. 'केशरोग नाशक योग' के फ़ायदे- अगर आपको किसी भी तरह की प्रॉब्लम है 'केशरोग नाशक योग' के तीनों चीजों का इस्तेमाल कीजिये और चमत्कार देखिये. बालों का गिरना, टूटना, समय से पहले सफ़ेद होना, रुसी होना, बालों का रूखापन, गंजापन जैसी कोई भी समस्या क्यूँ न हो इसके इस्तेमाल से निश्चित रूप से लाभ होता है. अगर आप पुरुष हैं और समय से पहले दाढ़ी-मूँछ के बाल सफ़ेद हो रहे हैं तो दाढ़ी-मूँछ में इस तेल को लगायें इसके चूर्ण और कैप्सूल को खाएं. 'केशरोग नाशक योग' 100% आयुर्वेदिक योग है जिस से आपको 100% फ़ायदा होगा यह मेरी गारंटी है. विश्वास के साथ प्रयोग कीजिये पहले महीने से ही आपको फ़ायदा दिखेगा. 'केशरोग नाशक योग' की प्रयोग विधि - तेल को बालों की जड़ों में और बालों में अच्छी तरह से रोज़ लगाया करें. चूर्ण को एक स्पून(लगभग 3 ग्राम तक) सुबह-शाम नाश्ते-खाने के बाद नार्मल पानी से लेना है. इसी तरह से कैप्सूल को भी एक-एक सुबह-शाम नार्मल पानी से निगल लेना है. यह व्यस्क व्यक्ति की मात्रा है. अगर आपकी उम्र 18 साल से कम है तो चूर्ण को आधा स्पून सुबह-शाम लें. और कैप्सूल रोज़ एक बार. तेल को आवशयकतानुसार लगाया करें. अब सवाल यह उठता है कि इसे कितना समय तक यूज़ करना है? जहाँ तक टाइम की बात है तो आपकी प्रॉब्लम जितना पुरानी होगी, उतना ज़्यादा टाइम लगेगा. इसे कम से कम लगातार 3 से 6 महिना तक यूज़ करना चाहिए. इसके एक महीने के पुरे सेट की क़ीमत है सिर्फ 1650 रूपये. इसे ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं निचे दिए गए लिंक से -
साइड इफेक्ट्स - वैसे तो यह पूरी तरह से सुरक्षित औषधि है इसके सेवन से किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट या नुकसान नहीं होता है. 'केशरोग नाशक योग' के चूर्ण में मिश्री की थोड़ी मात्रा होती है तो शुगर के रोगी सावधानी से यूज़ करें या फिर कम मात्रा में यूज़ करें. और जिनको बार-बार सर्दी-ज़ुकाम हो जाता है या फिर सर्द मिजाज़ वाले लोग चूर्ण को कम मात्रा में यूज़ करें.
क्या आप आयुर्वेदिक दवाओं और आयुर्वेदिक उपचार जानने के इच्छुक हैं? क्या आप एक डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक हैं? क्या आप आयुर्वेद के स्टूडेंट हैं? क्या आप फार्मेसी या मेडिकल स्टोर चलाते हैं? क्या आप आयुर्वेद के प्रेमी हैं और अपना आयुर्वेदिक ज्ञान बढ़ाना चाहते हैं? या फिर आप एक कॉमन मैन या आम आदमी हैं? इनमे से आप कोई भी हों आज की जानकारी आप सभी के लिए बड़े काम की है. जी हाँ दोस्तों, आज किसी दवा के बारे नहीं बता रहा बल्कि 'आधुनिक आयुर्वेदिक चिकित्सा' नाम की किताब के बारे में बात करने वाला हूँ जिसमे न सिर्फ दवाओं की जानकारी है बल्कि हर तरह के रोगों का उपचार भी. इस किताब को मैंने ही लिखा है जो आप सभी के काम आने वाली है. तो आईये इसके बारे में डिटेल्स जानते हैं- आधुनिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में मैंने आयुर्वेद औषधियों और आयुर्वेदिक उपचार की हर वो जानकारी शामिल की है जिसकी आज के समय में ज़रूरत है.
Cover Page
इस पुस्तक में करीब 350 से अधिक शास्त्रीय आयुर्वेदिक औषधियों की सॉलिड जानकारी, इनके उपयोग, मात्रा और सेवन विधि आसान शब्दों में बताया गया है. इसमें रस-रसायन, भस्म, चूर्ण, अवलेह-पाक, गुग्गुल, वटी, आसव-अरिष्ट, क्वाथ, क्षार-लवण, तेल-घृत, लौह-मंडूर और कुपिपक्व रसायन जैसी सभी क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन की जानकारी है. 200 से ज़्यादा तरह की बीमारियों आयुर्वेदिक उपचार और ऐसे-ऐसे आयुर्वेदिक योग बताये गए हैं जिनका प्रयोग कर कोई भी अपनी बीमारी दूर कर सकता हैं. इस पुस्तक में मैंने अनुभव आधार पर ऐसे-ऐसे कॉम्बिनेशन और सटीक योग बताया हूँ जो आपको कहीं और नहीं मिलेंगे. मैंने भी सर्च किया है ऐसे सटीक योगों की जानकारी देने वाली कोई भी किताब मार्केट में अवेलेबल नहीं है. इस किताब में नयी-पुरानी हर तरह की बीमारी का उपचार बताया गया है. इसमें पुरुष यौन रोग, महिला रोग, वातरोग, चर्मरोग, उदररोग या पेट की बीमारियाँ, किडनी की बीमारी, ह्रदयरोग जैसे हर तरह की बीमारियों का सटीक उपचार बताया गया है. बस समझ लीजिये कि हर तरह की बीमारी का उपचार आपको इस किताब में मिल जायेगा. यह एक ऐसी किताब है जिसे हर घर में होना चाहिए ताकि परिवार में अगर किसी को अगर कोई बीमारी हो तो इस पुस्तक की सहायता से सही औषधियों का सेवन कर बीमारी से मुक्ति पाई जा सके. हाई क्वालिटी के पेपर में सुन्दर छपाई और बेहतरीन लैमिनेटेड कवर वाली इस प्रीमियम बुक की क़ीमत है 1500 रुपये, पर आप सभी के लिए जो हमारे चैनल के सब्सक्राइबर और विवर हैं आपको यह सिर्फ़ 999 रुपया में दी जा रही है. इसकी लिमिटेड कॉपी है यानि सिमित संख्या में उपलब्ध है, तो पहले आयें और पहले पायें की आधार पर जल्दी आर्डर करें. ऑनलाइन आर्डर का लिंक निचे दिया गया है -
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वैद्य जी की डायरी में आज बताने वाला हूँ 'वात रोग नाशक योग' के बारे में. जी हाँ दोस्तों, यह एक ऐसा नुस्खा है जो हर तरह के छोटे-बड़े वातरोगों को दूर कर देता है. इसके इस्तेमाल से साइटिका, लकवा, पक्षाघात, Spondylosis, जोड़ों का दर्द, गठिया, अर्थराइटिस, कमरदर्द जैसे हर तरह के वात रोग दूर होते हैं. इस योग को हमारे यहाँ 40 साल से भी ज़्यादा टाइम से सफलतापूर्वक प्रयोग किया जा रहा है. तो आईये इस योग के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं- 'वात रोग नाशक योग' जैसा कि इसका नाम रखा है समस्त वात रोगों को यह नष्ट कर देता है. इसे रस भस्मों, जड़ी-बूटियों और सोना-चाँदी जैसी बहुमूल्य औषधियों के मिश्रण से बनाया गया है. 'वात रोग नाशक योग' के घटक - इसके नुस्खे या कम्पोजीशन की बात करें तो इसे - स्वर्ण भस्म, अभ्रक भस्म, मोती पिष्टी, प्रवाल भस्म, रौप्य भस्म, वंग भस्म, रस सिन्दूर, स्वर्णमाक्षिक भस्म, कज्जली, शुद्ध टंकण, शुद्ध हरताल, शुद्ध कुचला असगंध, लौंग, जावित्री, जायफल, काकोली, काकड़ासिंघी, हर्रे, बहेड़ा, आंवला, शुद्ध बच्छनाग, अरणी की जड़, त्रिकटु, अजवायन, चित्रकमूल छाल, वायविडंग, सफ़ेद जीरा भुना हुआ, सज्जी क्षार, सेंधा नमक, सौवर्च नमक, समुद्र लवण, भावना- गोरखमुंडी, संभालू, ग्वारपाठा और जम्बिरी निम्बू की एक-एक भावना देकर बनाया जाता है. शुद्ध कुचला भी मिला होने से इसे ऐसे खाने से मुंह का स्वाद ख़राब हो जाता है इसलिए इसे कैप्सूल में भरकर देता हूँ. यह एक स्वर्णयुक्त योग है जिसे सोना-चाँदी, मोती जैसी कीमती दवाओं के अलावा बेहतरीन जड़ी-बूटियों का मिश्रण है. 'वात रोग नाशक योग' के फ़ायदे - साइटिका की बीमारी नयी हो या पुरानी, तरह-तरह की दवाओं को खाने से भी फ़ायदा न हुआ हो तो इस योग के सेवन से बीमारी दूर हो जाती है. जोड़ों का दर्द, कमर दर्द, आमवात, संधिवात, अर्थराइटिस, रुमाटायड अर्थराइटिस, लकवा, फेसिअल पैरालिसिस, पक्षाघात, एकांगवात, अर्धांगवात, स्लिप डिस्क, हर तरह की Spondylosis, मसल्स का दर्द, Frozen Shoulder, Stiffneck, नर्व पेन, हाथ-पैर काम्पना, सर हिलना जैसे हर तरह के वातरोगों में यह बेहद असरदार है. आम का पाचन करता है, गैस दूर करता है और पाचन शक्ति को ठीक करता है. बस यह समझ लीजिये कि कैसा भी वातरोग हो, छोटा-बड़ा, नया-पुराना सभी में इसका प्रयोग कर लाभ ले सकते हैं. इस योग को हमारे यहाँ 40 सालों से भी अधीक समय से प्रयोग कर हजारों रोगियों को ठीक किया जा चूका है. आयुर्वेदाचार्य मेरे पिताश्री से यह योग मुझे विरासत में मिली है. तो दोस्तों, इस तरह की किसी भी बीमारी से आप या कोई और लोग पीड़ित हैं तो इसका सेवन ज़रूर करें. 'वात रोग नाशक योग' की मात्रा और सेवन विधि - एक से दो कैप्सूल सुबह-शाम भोजन के बाद 4 स्पून महारास्नादि क्वाथ के साथ लेना चाहिए. अगर समस्या अधीक न हो तो एक-एक कैप्सूल दूध से भी ले सकते हैं. यह ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है, इसे लगातार तीन से छह महिना तक भी ले सकते हैं सही डोज़ में. सावधानी - वैसे इस से कोई नुकसान नहीं होता परन्तु इसमें शुद्ध कुचला की थोड़ी मात्रा होती है, जिसके कारन पित्त प्रकृति वाले रोगी या जिनका पित्त दोष बहुत बढ़ा हो तो कम डोज़ में सेवन में सेवन करें और दूध का प्रयोग किया करें. पुरे कॉन्फिडेंस, श्रधा और विश्वास के साथ यूज़ करें. 100% आयुर्वेदिक मेरा अनुभूत योग है निश्चित रूप से लाभ होता है. अब सवाल उठता है कि यह मिलेगा कैसे ? इसे आप सबके लिए ऑनलाइन उपलब्ध करा रहा हूँ. इसका 60 कैप्सूल डब्बे में पैक कर दे रहा हूँ जिसकी कीमत है सिर्फ़ 999 रुपया, शिपिंग फ्री. ऑनलाइन खरीदें निचे दिए लिंक से -