पन्ना भस्म क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो एक तरह के पत्थर से बनायी जाती है. पन्ना को ही एमेराल्ड के नाम से जाना जाता है. पन्ना भस्म जो है दिमाग की बीमारी, अस्थमा, दिल की बीमारी, धड़कन, एसिडिटी, चक्कर, उल्टी, पेशाब की जलन और पेशाब के रोगों में असरदार है. तो आईये जानते हैं पन्ना भस्म के फ़ायदे और इस्तेमाल के बारे में पूरी डिटेल -
पन्ना भस्म के घटक या कम्पोजीशन -
इसके कम्पोजीशन की बात करें तो पन्ना नाम रत्न जो कि एक तरह का स्टोन है वही इसका मेन इनग्रीडेंट होता है. पन्ना हल्के हरे रंग का कीमती पत्थर होता है जिसे लोग अंगूठी में भी पहनते हैं. शोधन मारण जैसे आयुर्वेदिक प्रोसेस के बाद इसे अग्नि देकर भस्म बनाया जाता है.
पन्ना भस्म के गुण -
आयुर्वेदानुसार यह तासीर में सहित या ठंडा होता है. वात-पित्त नाशक, Antacid, Anti Emetic, Cardio protective और Digestive जैसे गुणों से भरपूर होता है.
पन्ना भस्म के फ़ायदे -
वैसे तो यह कई तरह की बीमारियों में असरदार है परन्तु आयुर्वेदिक डॉक्टर लोग इसे दिमाग की बीमारी, नर्वस सिस्टम की कमजोरी, पेशाब की प्रॉब्लम, धड़कन और हार्ट से रिलेटेड बीमारी, पित्त बढ़ने, उल्टी-चक्कर और पेट की बीमारियों के लिए ही यूज़ करते हैं.
पन्ना भस्म की मात्रा और सेवन विधि -
125mg सुबह शाम शहद से या फिर रोगानुसार उचित औषधि और अनुपान के साथ लेना चाहिए. इसे आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही सही डोज़ में यूज़ करें, नहीं तो सीरियस नुकसान भी हो सकता है.
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