लीलाविलास रस क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो गैस्ट्रिक और पित्त रोगों में असरदार है. तो आईये जानते हैं लीलाविलास रस का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
लीलाविलास रस के घटक या कम्पोजीशन-
रसायन औषधि होने से इसमें शुद्ध पारा, गंधक के अलावा दूसरी जड़ी-बूटियां भी होती हैं. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें-
शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, ताम्र भस्म, अभ्रक भस्म, वंशलोचन, हर्रे, बहेड़ा, आंवला और भृंगराज के रस का मिश्रण होता है.
लीलाविलास रस के गुण -
आयुर्वेदानुसार यह पित्तशामक है, पित्त दोष को बैलेंस करता है. यह Antacid, पाचक या Digestive और लिवर प्रोटेक्टिव जैसे गुणों से भरपूर होता है.
लीलाविलास रस के फ़ायदे-
पाचन तंत्र या Digestive System की बीमारियों के लिए यह असरदार दवा है. इसके इस्तेमाल से सीने की जलन, हाइपर एसिडिटी, गैस्ट्रिक, पेट की सुजन, उल्टी, बदहज़मी जैसी प्रॉब्लम दूर होती है.
लिवर के फंक्शन को सही करता है, भूख बढ़ाता है. इसके अलावा पेशाब की कमी और पेशाब की तकलीफ़ में भी इस से फ़ायदा होता है.
लीलाविलास रस की मात्रा और सेवन विधि -
एक से दो गोली तक शहद के साथ खाना के पहले या बाद लेना चाहिए. इसे आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए. हैवी मेटल वाली रसायन औषधि है, ग़लत डोज़ होने से नुकसान भी हो सकता है. प्रेगनेंसी में इसका इस्तेमाल न करें. बैद्यनाथ के 40 टेबलेट की क़ीमत 122 रुपया है ऑनलाइन में.
इसे भी जानिए -
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें