कर्पूर रस क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो दस्त और डायरिया में असरदार है. तो आईये जानते हैं कर्पूर रस का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
कर्पूर रस जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कपूर से बनी रसायन औषधि. आयुर्वेद में कपूर को कर्पुर के नाम से जाना जाता है जिसे अंग्रेज़ी में Camphor कहते हैं.
कर्पूर रस के घटक या कम्पोजीशन -
इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसे शुद्ध हिंगुल, शुद्ध अहिफेन, मोथा, इन्द्रजौ, जातिफल और कपूर के मिश्रण से बनाया जाता है.
बनाने का तरीका यह होता है की सभी चीज़ों को बराबर वज़न में लेकर खरलकर थोड़ा पानी मिक्स कर 125 mg की गोलियाँ बनाकर सुखाकर रख लिया जाता है. यह भैषज्य रत्नावली का योग है.
कर्पूर रस के गुण या Properties -
इसके गुणों की बात करें तो यह वात और कफ़ दोष को कम करता है, ग्राही और पाचक है. यानी Antidiarrheal, Digestive, Anti-bacterial और एंटी कैंसर जैसे गुणों से भी भरपूर होता है.
कर्पूर रस के फ़ायदे -
लूज़ मोशन, दस्त और डायरीया के लिए इसे प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाता है.
नये दस्त और डायरीया में ही आयुर्वेदिक डॉक्टर इसका प्रयोग कराते हैं.
कर्पूर रस की मात्रा और सेवन विधि -
एक गोली सुबह शाम या रोज़ तीन बार तक शहद के साथ. या फिर आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के अनुसार. इसे डॉक्टर की सलाह से ही लें, क्यूंकि यह रसायन औषधि है. आयुर्वेदिक कम्पनियों की यह मिल जाती है, इसे ऑनलाइन भी ख़रीद सकते हैं.
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