वैद्य जी की डायरी में आज मैं बताने वाला हूँ थायराइड की आयुर्वेदिक चिकित्सा के बारे में.
जी हाँ दोस्तों, अगर आपका थायराइड लेवल बढ़ा हो और अंग्रेजी दवाएँ खाने से भी फ़ायदा नहीं हो रहा हो, तो भी चिन्ता की कोई बात नहीं है. मेरा बताया गया आयुर्वेदिक नुस्खा यूज़ कर इस बीमारी से मुक्ति पा सकते हैं. तो आईये जानते हैं थायराइड को दूर करने वाले आयुर्वेदिक योग की पूरी डिटेल -
थायराइड का आयुर्वेदिक योग इस्तेमाल करने से पहले थायराइड का टेस्ट करवा लें ताकि पता चले कि दवा से कितना फ़ायदा मिल रहा है.
थायराइड दूर करने का आयुर्वेदिक योग -
इसके लिए आपको जो भी क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन चाहिए उनके नाम कुछ इस तरह से हैं -
गंडमाला कण्डन रस - 10 gram
त्र्यूषनाद्य लौह - 10 gram
पुनर्नवा मंडूर - 10 gram
आरोग्यवर्धिनी वटी - 10 gram
सभी को अच्छी तरह से पीसकर बराबर मात्रा की 40 पुड़िया बना लें. इसे एक-एक पुड़िया शहद में मिक्स कर खायें और ऊपर से 'पुनर्नवा अर्क' 20 ML + 'मकोय अर्क' 20 ML मिक्स कर पीना है.
कांचनार गुग्गुल 2 गोली + गोक्षुरादि गुग्गुल 2 गोली सुबह शाम लेना है. सभी दवा खाना के बाद लेना है. यह व्यस्क व्यक्ति की मात्रा है.
बताया गया योग 20 दिन तक यूज़ करने के बाद टेस्ट कराकर देखना चाहिए.
लगातार कुछ महीने तक यूज़ करने से न सिर्फ थायराइड की प्रॉब्लम दूर होती है बल्कि पाचन क्रिया भी सुधर जाती है और बढ़ा हुआ वज़न भी कम जाता है.
थायराइड दूर करने का बताया गया योग स्थानीय वैद्य जी की देख रेख में ही यूज़ करें.
आज के इस योग में बताई गयी औषधि त्र्यूषनाद्य लौह, अर्क पुनर्नवा और अर्क मकोय की डिटेल जानकारी आने वाले समय में दूंगा.
गंडमाला कण्डन रस, कांचनार गुग्गुल, गोक्षुरादि गुग्गुल, पुनर्नवा मंडूर और आरोग्यवर्धिनी वटी की जानकारी हमारे चैनल और वेबसाइट पर पहले से ही मौजूद है.
वैद्य जी की डायरी के कुछ दुसरे सफ़ल आयुर्वेदिक प्रयोग -
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