लवण भास्कर चूर्ण क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो Digestive System की बीमारियों में असरदार है. इसके इस्तेमाल से भूख बढ़ती है, गैस, खाने में रूचि नहीं होना, भूख की कमी, अजीर्ण और कब्ज़ जैसे पेट के रोग दूर होते हैं, तो आईये जानते हैं लवण भास्कर चूर्ण का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल और साथ इसका एक स्पेशल यूज़ भी जानेंगे जो शायेद आप नहीं जानते हों-
लवण भास्कर चूर्ण के घटक या कम्पोजीशन-
इसे कई तरह के नमक और जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनाया जाता है, इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें -
समुद्र लवण-96 ग्राम, सौवर्च लवण-60ग्राम, विड लवण, सैन्धव लवण, धनिया, पिप्पली, पीपलामूल, कृष्ण जीरक, त्वक पत्र, नागकेशर, तालिश पत्र, अम्लवेत प्रत्येक 24-24ग्राम, काली मिर्च, श्वेत जीरक, सोंठ, अनार दाना, छोटी इलायची प्रत्येक 12-12ग्राम का मिश्रण होता है.
बनाने का तरीका यह है कि सभी चीज़ों को कूटपीसकर चूर्ण बनाकर एयर टाइट डब्बे में रख लें. बस लवण भास्कर चूर्ण तैयार है.
लवण भास्कर चूर्ण के फ़ायदे-
यह मन्दाग्नि या भूख की कमी को दूर कर भूख बढ़ा देता है. हाजमा ठीक करता है जिस से खाना अच्छी तरह से हज़म होने लगता है.
पेट में गैस, गोला बनना और कब्ज़ या Constipation को भी दूर करता है.
यह स्वाद में टेस्टी और चटपटा होता है.
लवण भास्कर चूर्ण का स्पेशल यूज़ - इसे सब्जी का स्वाद बढ़ाने के लिए भी आप इस्तेमाल कर सकते हैं. कोई भी मसालेदार सब्ज़ी बनाना हो तो इसे एक दो स्पून मिक्स कर सब्ज़ी का स्वाद बढ़ा सकते हैं. विशेष आयोजनों के लिए जब पूरी सब्जी बनाई जाती है तो सब्ज़ी का टेस्ट बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है.
लवण भास्कर चूर्ण की मात्रा और सेवन विधि -
आधा से एक स्पून तक रोज़ दो बार पानी या छाछ के साथ खाना खाने के बाद लेना चाहिए. यह ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है, पर जिनको अल्सर की समस्या हो तो इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, नमक की तेज़ मात्रा होने से यह अल्सर को बढ़ा सकता है. डाबर के 60 ग्राम की क़ीमत 47 रुपया है, इसे आयुर्वेदिक दवा दुकान से या फिर ऑनलाइन भी ख़रीद सकते हैं निचे दिए लिन्क से -
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