प्रसारणी तेल क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो हर तरह के वात रोगों में असरदार है. इसके इस्तेमाल से हाथ-पैर और गले की जकड़न, लॉक जा या जबड़ों का अटक जाना, फेसिअल पैरालिसिस, अर्थराइटिस, साइटिका, लकवा और जोड़ों के दर्द जैसे रोगों में फ़ायदा होता है, तो आईये जानते हैं प्रसारणी तेल का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
प्रसारणी तेल का घटक या कम्पोजीशन -
जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है इसका मेन इनग्रीडेंट प्रसारणी या गंधप्रसारणी नाम की बूटी होती है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसे कई तरह की जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनाया जाता है जैसे -
यष्टिमधु, पिपरामूल, चित्रक, सेंधा नमक, बच, प्रसारिणी, देवदार, रास्ना, गजपीपल, भल्लातक, शतपुष्पा, जटामांसी प्रत्येक 32-32 ग्राम लेना है कल्क या चटनी बनाने के लिए.
प्रसारणी 5 किलो लेकर 15 लीटर पानी में काढ़ा बनाना होता है, जब पांच लीटर पानी बचे तो छान लें और इसमें तिल का तेल, दही और कांजी प्रत्येक तिन-तीन किलो तथा दूध 12 लीटर मिक्स कर एक कड़ाही में डाल लें. इसके बाद कल्क द्रव्यों को मिक्स कर तेल-पाक विधि से तेल सिद्ध कर लें. यही प्रसारणी तेल कहलाता है.
प्रसारणी तेल के गुण -
आयुर्वेदानुसार यह वात और कफ़ दोष को बैलेंस करता है. यह दर्द, सुजन और जकड़न नाशक गुणों से भरपूर होता है.
प्रसारणी तेल के फ़ायदे -
- जबड़ों की जकड़न या लॉक जा, फेसिअल पैरालिसिस, लकवा, गर्दन, हाथ-पैर या बॉडी की जकड़न, जोड़ों का दर्द और साइटिका जैसे रोगों में इसकी मालिश करनी चाहिए.
- हड्डी टूटने, मृगी और पागलपन में भी इसकी मालिश से फ़ायदा होता है.
- जो लोग तेज़ नहीं चल सकते उनकी नसों में ब्लड फ़्लो बढ़ाकर फुर्ती देता है. लंगडाकर चलने वाले लोग इसकी लगातार मालिश से ठीक हो जाते हैं.
- हर तरह के दर्द में दर्दनाशक तेल की तरह इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
- पुरुष-महिला इस तेल से प्रजनन अंगों पर भी मालिश कर सकते हैं.
- वैरिकोस वेन में भी इसकी मालिश से फ़ायदा होता है.
- प्रसारणी तेल को पंचकर्म के अभ्यंग या मसाज थेरेपी, कटी बस्ती और एनिमा जैसे प्रोसेस में भी इस्तेमाल किया जाता है.
- वैसे तो यह बाहरी प्रयोग के लिए मसाज का तेल है पर आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से इसे नस्य या Nasal Drops के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
प्रसारणी तेल के बारे में एक और बात बता दूं कि यह पालतू पशुओं के लिए भी असरदार है, चोट-दर्द, सुजन में इसका प्रयोग कर सकते हैं.
प्रसारणी तेल की प्रयोग विधि -
दर्द-सुजन और जकड़न वाली जगह पर इस तेल से रोज़ दो-तिन बार मालिश करनी चाहिए. यह बिल्कुल सेफ़ दवा है, किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट या नुकसान नहीं होता है. लॉन्ग टाइम तक यूज़ कर सकते हैं. इसे आयुर्वेदिक दवा दुकान से या फिर ऑनलाइन भी ख़रीद सकते हैं निचे दिए गए लिंक से -
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