लिव अमृत सिरप पतंजलि का एक पेटेंट ब्रांड है जो लीवर की बीमारियों जैसे लीवर के बढ़ जाने, पीलिया या जौंडिस, स्प्लीन के बढ़ जाने, फैटी लीवर में असरदार है. तो आईये जानते हैं लिव अमृत सिरप का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
पतंजलि आयुर्वेद अपने पेटेंट प्रोडक्ट का नाम मोस्टली आयुर्वेदानुसार रखती है जिसमे हिंदी और संस्कृत का मिश्रण होता है पर इस सिरप के नाम में अंग्रेज़ी और हिंदी मिक्स है वो भी इस लिए की दूसरी लीवर की पॉपुलर दवाओं को टक्कर देने के लिए. खैर जो भी हो.
सबसे पहले जानते हैं इसका घटक या कम्पोजीशन-
इसे जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनाया गया है जिसके नाम कुछ इस तरह से हैं -
भूमि आँवला, पुनर्नवा, भृंगराज, मकोय, अर्जुन, त्रिफला, सर्पुन्खा, गिलोय, मुलेठी, कुटकी, दारू हल्दी, अमलतास और कालमेघ.
और इन सब के अलावा इसमें तरह तरह के केमिकल वाले Preservative भी मिले होते हैं जैसे Sodium benzoate, Sodium methyl paraben, Sodium propyl paraben, Citric Acid और Flavours vagairah.
चूँकि यह सब बहुत कम मात्रा में होते हैं तो कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता. पर इन सब से बेस्ट तो क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन होती है हर तरह के केमिकल से फ्री जैसे कुमार्यासव, रोहितकारिष्ट वगैरह. लीवर स्प्लीन के रोगों की सदियों पुरानी जानी-मानी दवाएं.
लिव अमृत सिरप के फ़ायदे-
कॉम्बिनेशन के हिसाब से तो यह लीवर के लिए असरदार दवा है जो हर तरह के लीवर के रोगों को दूर कर लीवर के फंक्शन को सही कर सकती है.
भूख की कमी, जौंडिस, फैटी लीवर, हेपेटाइटिस जैसे रोगों में इस्तेमाल कर सकते हैं.
यह एक लीवर टॉनिक है जो लीवर को प्रोटेक्ट करती है.
लिव अमृत सिरप की मात्रा और प्रयोग विधि-
एक से दो स्पून सुबह शाम खाना के बाद लेना चाहिए, या फिर डॉक्टर की सलाह से. इसके 200 ML की क़ीमत 75 रुपया है जिसे आयुर्वेदिक दवा दुकान से या फिर ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं.
लिव अमृत सिरप के बारे में मेरी राय -
अगर आप बाबा रामदेव या पतंजलि के भक्त हैं तो इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. पर मेरे ओपिनियन में यह लीवर की बेस्ट दवा नहीं है. लीवर के लिए क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन जैसे कुमार्यासव, रोहितकारिष्ट बेस्ट हैं और पेटेंट ब्रांड में Liv 52 सिरप और हमदर्द जिग्रीन जैसी दवाएँ इस से कही बेहतर हैं.
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