लौंग हमारे किचन का एक बहुत ही कॉमन मसाला है जिसके बारे में हम सभी जानते हैं, पर इसके कुछ खास प्रयोग सभी लोग नहीं जानते, तो आइये जानते हैं इसके कुछ ख़ास प्रयोग-
वैसे तो आयुर्वेद की कई सारी क्लासिकल दवाओं में लौंग मिलाया जाता है जैसे लवंगादि वटी, लवंगादि चूर्ण और लवंग तेल वगैरह. पर यहाँ आप जानेंगे लौंग के कुछ आसान से घरेलु प्रयोग के बारे में-
तेज़ बुख़ार में -
5-7 दाना लौंग को पीसकर ठन्डे पानी में मिक्स कर पिलाने से बुखार कम जाता है.
नज़ला, जुकाम में -
आधे कप पानी में 3-4 लौंग को उबालकर थोड़ा नमक मिलाकर पीना चाहिए.
उल्टी और हिचकी आने पर-
लौंग के ऊपर वाला डोडा बारीक पीसकर शहद के साथ मिलाकर चाटने से हिचकी और उल्टी में तुरन्त फ़ायदा होता है.
मुँह की बदबू में-
लौंग को चबाने से मुँह की बदबू या बैड स्मेल दूर होती है और पाचन क्रिया भी ठीक रहती है.
खाँसी होने पर-
लौंग को हल्का भुनकर मुँह में रखकर चूसें या फिर भुना हुआ लौंग को पीसकर शहद मिक्स कर चाटने से खाँसी में आराम हो जाता है.
कब्ज़ होने पर -
खाना खाने के बाद एक-दो लौंग चूसने से कब्ज़ दूर होता है और पाचन क्रिया ठीक रहती है और पेट की जलन में भी फ़ायदा होता है.
आँख की गुहेरी होने पर-
लौंग को पानी में घिसकर लगाने से लाभ होता है.
हैजा होने पर-
पाँच ग्राम लौंग को तीन लीटर पानी में डालकर उबालें, जब पानी आधा बचे तो ठंडा होने पर रोगी को घूंट-घूंट कर पिलाने से फ़ायदा होता है.
बच्चों की खाँसी में-
लौंग, बहेड़े का छिल्का और काली मिर्च तीनो के पाउडर को बराबर वज़न में लें और तीनों के वज़न के जितना कत्था मिक्स कर थोड़ा पानी मिलाकर चने के बराबर की गोली बना कर सुखा कर रख लें. इस गोली को मुंह में रखकर चूसने से बच्चों की हर तरह की खाँसी दूर होती है.
दांत और मसूड़ों के दर्द में -
लौंग का तेल में रुई भीगाकर रखने से फ़ायदा होता है. लौंग को पीसकर भी दांतों में लगाने से फ़ायदा होता है.
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