सफ़ेद दाग को आयुर्वेद में श्वेत कुष्ठ कहा जाता है जिसमे बॉडी में कहीं भी स्किन का रंग सफ़ेद हो जाता है, हालांकि इसमें कोई तकलीफ़ नहीं होती पर देखने में अच्छा नहीं लगता है. तो आईये आज जानते हैं सफ़ेद दाग के लिए एक बेहद असरदार और आसान से आयुर्वेदिक प्रयोग के बारे में पूरी डिटेल -
दोस्तों, सफ़ेद दाग के लिए आयुर्वेदिक दवाएं बेहद असरदार होती हैं. आज जो मैं बता रहा हूँ वो लगाने की दवा है. इसके लिए आपको चाहिए होगा -
बाकुची के बीजों का चूर्ण 80 ग्राम
रस माणिक्य 10 ग्राम
मरिच्यादी तेल - एक शीशी(100 ML)
रस माणिक्य और मरिच्यादी तेल आयुर्वेदिक औषधि है जो बैद्यनाथ, डाबर जैसी कंपनियों की मिल जाती है. बाकुची के बीज आपको जड़ी-बूटी या पंसारी की दुकान से मिल जाएगी, जिसे लाकर चूर्ण या पाउडर बनाना होगा. बाकुची को बावची, सोमराजी जैसे नामों से जाना जाता है.
बनाने का तरीका -
रस माणिक्य को खरल में डालकर पिस लें और इसमें बाकुची के बीजों का चूर्ण अच्छी तरह से मिक्स कर लें और डब्बे में रख लें.
इस्तेमाल करने का तरीका -
अब इस चूर्ण को थोड़ा सा लेकर मरिच्यादी तेल इतना मिक्स करें की पेस्ट की तरह बन जाये, अब इस पेस्ट को दाग वाली जगह पर लगाना है. जहाँ-जहाँ सफ़ेद दाग हो इसे लगायें और कम से कम एक घंटे के बाद पोंछ लें. ऐसा रोज़ एक से दो बार करें.
कुछ ही दिनों में आपको फ़ायदा दिखने लगेगा और लगातार इस्तेमाल से सफ़ेद दाग दूर हो जायेंगे, सफ़ेद दाग चाहे कितना भी पुराना क्यूँ न हो.
तो दोस्तों, ये थी आज की जानकारी सफ़ेद दाग को दूर करने के बेहद असरदार उपाय के बारे में. सफ़ेद दाग में निम्बादि चूर्ण, कैशोर गुग्गुल, महा मंजिष्ठारिष्ट, दिव्य कायाकल्प वटी जैसी दवाएँ भी ले सकते हैं.
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