गुग्गुल जो है एक तरह का गोंद है जो गुग्गुल वृक्ष से निकलता है. इसे गुग्गुल, गुग्गुलु, देवधूप, जैसे नामों से जाना जाता है. गुग्गुल को अंग्रेजी में Commiphora Mukul कहा जाता है. यह बड़े कमाल की चीज़ है, इसे कई तरह की आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है. गुग्गुल को धुवन की तरह भी आग में जलाया जाता है जिस से वातावरण शुद्ध होता है. इसे पूजा-पाठ और हवन में इस्तेमाल किया जाता है.
आयुर्वेदानुसार गुग्गुल जो है तासीर में गर्म, कफ़, वात, कृमि और अर्श नाशक होता है.
गुग्गुल को खाने में इस्तेमाल करने से पहले शोधित करना होता है, शुद्ध गुग्गुल को ही आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है. आईये जानते हैं गुग्गुल शोधित करने की विधि के बारे में -
पंसारी की दुकान में गुग्गुल मिल जाता है, पर महँगा होने की वजह से इसमें कई तरह की मिलावट भी होती है, इसमें इसकी तरह के दुसरे गोंद भी मिले होते हैं.
सबसे पहले तो इसमें जो मिट्टी या कंकड़-पत्थर दिखे, उसे निकाल दें. गुग्गुल शोधन के लिए त्रिफला और ताज़ी गिलोय भी चाहिए होती है.
अगर आपको एक किलो गुग्गुल शुद्ध करना है तो एक किलो त्रिफला और दो किलो ताज़ी गिलोय चाहिए होगी. त्रिफला और गिलोय को मोटा-मोटा कूटकर 12 लीटर पानी में काढ़ा बनायें. जब चार लीटर पानी बचे तो छानकर इस काढ़े को एक कड़ाही में डालकर आंच पर चढ़ाएँ.
अब गुग्गुल को कपड़े की एक पोटली में बाँधकर उबलते हुवे काढ़े में रखना है, ताकि गुग्गुल घुल-घुलकर काढ़े में आ जाये.
ओरिजिनल गुग्गुल पोटली से घुलकर काढ़े में आ जाता है, बाकी दूसरी मिलावटी चीज़ें और दुसरे गोंद पोटली में रह जाते हैं. जब गुग्गुल घुलकर काढ़े में आ जाये तो काढ़े को उबालते हुवे गाढ़ा कर लें, जब हलवे की तरह हो जाये तो धुप में सुखाकर रख लें. लोहे की कड़ाही में बनाया गया शुद्ध गुग्गुल काले रंग का होता है.
गुग्गुल शोधन का एक दूसरा तरीका यह भी होता है कि त्रिफला और गिलोय के काढ़े में डायरेक्ट गुग्गुल को डाल दें और जब घुल जाये तो काढ़े के ऊपर मलाई की तरह जमने वाली परत को जमा करना होता है और फिर उसे गाढ़ा कर सुखा लिया जाता है और कढ़ाही के तले में बचने वाले कचरे को फेक दिया जाता है. पर जहाँ तक मेरा एक्सपीरियंस है पोटली वाला तरीका आसान होता है.
तो दोस्तों, यही है गुग्गुल शुद्ध करने का तरीका!
शुद्ध गुग्गुल में ही जड़ी-बूटियों का चूर्ण और भस्मों को मिलाकर कई तरह के आयुर्वेदिक गुग्गुल बनाये जाते हैं, जिनकी जानकारी मैं अक्सर देते रहता हूँ.
अकेले शुद्ध गुग्गुल को कम ही इस्तेमाल किया जाता है, इसे मिलाकर बनायी गयी दवा ही सबसे ज़्यादा इस्तेमाल की जाती है.
गुग्गुल जो है हर तरह के दर्द, सुजन, मोटापा से कोलेस्ट्रॉल जैसी कई तरह की बीमारियों को दूर करता है.
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