भृंगराजासव क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो सिरप के रूप में होती है. यह आँखों के रोग, बालों के रोग, बालों का समय से पहले सफ़ेद होना, प्रमेह और कफ़ जैसे रोगों को दूर करता है. यह लीवर को प्रोटेक्ट करता है और जनरल टॉनिक की तरह भी काम करता है. तो आईये जानते हैं भृंगराजासव का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
भृंगराजासव जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है इसका मेन इनग्रीडेंट भृंगराज या भांगरा होता है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें -
भृंगराज- 25 भाग, गुड़- 10 भाग, हरीतकी- 4 भाग, पिप्पली, जायफल, लौंग, दालचीनी, इलायची, तेजपात और नागकेशर एक-एक भाग का मिश्रण होता है.
बनाने का तरीका यह होता है कि इसे आयुर्वेदिक प्रोसेस आसव-अरिष्ट निर्माण विधि से संधान के बाद आसव या सिरप बनाया जाता है.
भृंगराजासव के गुण-
यह कफ़ और वात और बैलेंस करता है. इसके गुणों की बात करें तो यह एंटी ऑक्सीडेंट, पाचक, भूख बढ़ाने वाला, हेयर ग्रोथ करने वाला, लीवर प्रोटेक्टिव, कार्डियोप्रोटेक्टिव, एंटी-इंफ्लेमेटरी और टॉनिक जैसे गुणों से भरपूर होता है.
भृंगराजासव के फ़ायदे-
खाँसी, सर्दी, अस्थमा, बार-बार नज़ला जुकाम होने में असरदार है.
बालों का गिरना, टाइम से पहले सफ़ेद होना रोकता है. बालों को उचित पोषण देकर जड़ों को मज़बूत बनाता है.
सुस्ती, कमज़ोरी, भूख की कमी को दूर करता है. पाचक पित्त को बढ़ाता है और लीवर के फंक्शन को सही करता है.
महिलाओं के गर्भाशय को शक्ति देता है और फर्टिलिटी को बढ़ाता है, लगातार इस्तेमाल से पुरुषों की यौनशक्ति भी बढ़ती है.
भृंगराजासव की मात्रा और सेवन विधि -
15 से 25 ML तक सुबह शाम खाना के बाद बराबर मात्रा में पानी मिक्स कर लेना चाहिए. बच्चो को कम डोज़ में देना चाहिए.
सही डोज़ में लेने से किसी तरह का कोई नुकसान या साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है, प्रेगनेंसी में इसे नहीं लेना चाहिए. बैद्यनाथ, डाबर जैसी कम्पनीयों का यह मिल जाता है. 450 ML की क़ीमत 150 रुपया के करीब है.
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