लवंगादि वटी खाँसी के लिए आयुर्वेद की जानी-मानी क्लासिकल मेडिसिन है जो हर तरह की खाँसी में असरदार है. तो आईये जानते हैं लवंगादि वटी का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
लवंगादि वटी जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है लवंग या लौंग मिला होने से इसका नाम लवंगादि वटी रखा गया है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें लौंग, बहेड़े का छिल्का, काली मिर्च और कत्था सभी बराबर मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण बनाकर बबूल की छाल के क्वाथ में घोटकर चने के बराबर की गोलियाँ बनाकर सुखाकर रख लिया जाता है. यही लवंगादि वटी कहलाती है. यह वैध जीवन नामक आयुर्वेदिक ग्रन्थ का नुस्खा है जबकि 'आयुर्वेद सार संग्रह' का नुस्खा थोड़ा अलग होता है.
लवंगादि वटी के फ़ायदे-
यह आयुर्वेद में खाँसी की पॉपुलर दवा है, यह सुखी और गीली हर तरह की खाँसी को ठीक करने में लाजवाब है.
जब रोगी को बहुत खाँसने पर भी कफ़ नहीं निकलता, सीने में दर्द और बेचैनी हो तो इसे एक-एक गोली चूसने से तुरंत फ़ायदा होता है.
लवंगादि वटी के इस्तेमाल से साँस लेने में तकलीफ़ दूर होती है, यह श्वासनली को साफ़ कर कफ़ को दूर करती है.
लवंगादि वटी की प्रयोगविधि-
इसे एक-एक गोली मुंह में रखकर रोज़ चार-पाँच बार चुसना चाहिए. बच्चे-बड़े सभी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. बिल्कुल सेफ़ दवा होती है. बैद्यनाथ, डाबर, पतंजलि जैसी आयुर्वेदिक कंपनियों की यह दवा हर जगह मिल जाती है. लवंगादि वटी के साथ में सितोपलादि चूर्ण, तालिसादी चूर्ण जैसी दवा भी ले सकते हैं.
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