अगर किसी को भी हेपेटाइटिस बी फाइंड आउट हुआ तो इसमें क्या-क्या आयुर्वेदिक दवा लेना चाहिए और खाने पिने में क्या-क्या परहेज़ करना चाहिए? इन सब के बारे में आईये जानते हैं पूरी डिटेल -
दोस्तों, जब लीवर की जगह में दर्द में हो, लीवर बढ़ा हो, आँखें पिली, पेशाब पिला, बुखार वगैरह लक्षण हों तो टेस्ट के बाद हेपेटाइटिस का निदान होता है. ब्लड टेस्ट में जब सीरम बिल्युरबिन बढ़ा हुआ और ऑस्ट्रलियन एन्टीजन पॉजिटिव आये तो हेपेटाइटिस बी माना जाता है. इन सब पर ज़्यादा चर्चा नहीं करेंगे बल्कि जानेंगे कि कौन-कौन सी आयुर्वेदिक दवाओं का कॉम्बिनेशन इस रोग में लेना चाहिए.
हेपेटाइटिस नाशक योग -
- पुनर्नवादि मंडूर 10 ग्राम, कालमेघनवायस मंडूर 10 ग्राम, वृहत लोकनाथ रस 10 ग्राम, प्रवाल पंचामृत रस(मोती युक्त) 10 ग्राम, कुटकी चूर्ण 10 ग्राम और चाँदी का वर्क असली 5 नग. सबसे पहले चाँदी के वर्क को खरल में डालकर खरल करें और फिर दूसरी दवा मिक्स कर अच्छी तरह खरल कर लें और 40 पुडिया बना लें. एक-एक पुडिया सुबह शाम ताज़ा पानी से लेना है.
- महा मंजिष्ठारिष्ट 10 ML + रोहितकारिष्ट 10 ML + कुमार्यासव 10 ML + पुनर्नवारिष्ट 10 ML सभी मिक्स कर एक कप पानी के साथ खाना के बाद रोज़ दो बार
- सोने से पहले 'त्रिफला चूर्ण' 3 ग्राम में एक गोली 'आरोग्यवर्धिनी वटी' मिक्स कर देना चाहिए.
यह सब दवाएँ आयुर्वेदिक डॉक्टर की देख रेख में कम से कम तीन महिना तक लेना चाहिए. बताया गया योग कयी तरह के दुसरे हेपेटाइटिस में भी फ़ायदेमंद है.
खाने पिने में परहेज़ बहुत ज़रूरी है, इन चीजों से परहेज़ रखें जैसे- आलू, चावल, गुड, मिर्च, मसाला, खटाई, नमक, दही, तेल-घी, तली हुयी चीजें, शारीरिक-मानसिक श्रम, सम्भोग वगैरह
अब सवाल उठता है की खाना क्या चाहिए?
खाने में पत्ते वाली सब्ज़ी जैसे बथुआ, पालक, पत्तागोभी, मेथी, लौकी, तुरई, परवल, करेला और फलों में अनार, संतरा, मुसम्मी और पपीता का इस्तेमाल करना चाहिए. उबाल का ठण्डा किया हुवा पानी पीना चाहिए. ग्लूकोज़ भी पी सकते हैं.
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