अमलतास को संस्कृत में आरग्वध, बंगाली में सौन्दाल, तेलुगु में रेला(Rela) और अंग्रेज़ी में कैसिया फिस्टुला(Cassia Fistula) कहा जाता है. गर्मी में पीले रंग के बड़े ही सुन्दर झालरदार फूल इसमें खिलते हैं.
अमलतास के फूल |
अमलतास के गुण -
आयुर्वेदानुसार यह कफ़नाशक है तासीर में ठंडा, कब्ज़ दूर करने वाला, वातरोग, गैस, बुखार, ह्रदय और मूत्र रोगों में लाभकारी है.
अमलतास के फ़ायदे-
कब्ज़ दूर करने के लिए -
अमलतास का गुदा एक बेहतरीन कब्ज़नाशक है. कब्ज़ दूर करने के लिए एक चम्मच इसके पके हुवे फल के गुदे को पानी में मसलकर छान कर पीना चाहिए. यह न सिर्फ़ कब्ज़ दूर करता है बल्कि बवासीर में भी फ़ायदा करता है.
चर्म रोगों में -
इसके पत्ते को पीसकर लेप करने से चर्मरोगों में फ़ायदा होता है.
खाँसी के लिए -
सुखी खाँसी होने पर इसके फूलों को चबाने से आराम मिलता है.
बुखार के लिए -
इसकी जड़ का काढ़ा बनाकर पिने से हर तरह की बुखार में फ़ायदा होता है.
बिच्छू काटने पर -
अमलतास के बीज को पानी में घिसकर बिच्छू डंक वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है.
ज़ख्म और फोड़े के लिए -
अमलतास की छाल का काढ़ा बनाकर ज़ख्म की सफ़ाई करने से इन्फेक्शन दूर होता है और ज़ख्म जल्दी भरते हैं.
पेट के रोग, कब्ज़ और बवासीर की आयुर्वेदिक दवाओं में अमलतास के गुदे का इस्तेमाल किया जाता है.
अमलतास का फल या गुदा इस्तेमाल करने से पहले ध्यान रखें कि इसका अधीक प्रयोग करने से दस्त हो सकते हैं.
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