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19 नवंबर 2017

Shivlingi Seed Benefits | शिवलिंगी बीज के फ़ायदे, बेटा पैदा करने की चमत्कारी बूटी


शिवलिंगी बीज एक तरह के फल का बीज होता है, शिव जी के लिंग की तरह दिखने के कारन इसे शिवलिंगी कहा जाता है. 

इसका वैज्ञानिक नाम ब्रायोनिया लैसीनिओसा(Bryonia Laciniosa) है. यह एक गर्भाशय टॉनिक है जिसे महिला बाँझपन के उपचार के लिए इसे अकेले या दूसरी दवाओं के साथ इस्तेमाल किया जाता है. यह पुरुषों की यौन क्षमता बढ़ाने और वीर्यविकार के लिए भी फ़ायदेमंद है.

इसके गुणों की बात करें तो यह कफ़ दोष नाशक, दर्द-सुजन नाशक, एंटी फीवर और एंटी फंगल जैसे कई तरह के गुणों से भरपूर होता है. 


शिवलिंगी बीज के फ़ायदे - 

शिवलिंगी बीज को ख़ासकर महिला बाँझपन के लिए ही प्रयोग किया जाता है. किसी भी कारण से अगर गर्भधारण नहीं हो रहा हो तो शिवलिंगी का बीज गर्भधारण में मदद करता है. 

शिवलिंगी बीज न सिर्फ फीमेल इनफर्टिलिटी को दूर कर गर्भधारण में मदद करता है बल्कि यह भी माना जाता है कि अगर एक खास तरीके से इसका इस्तेमाल किया जाये तो पुत्र प्राप्ति होती है या लड़का पैदा होता है. तरह-तरह के प्रयोग के बारे में चर्चा न कर आईये जानते हैं कि गर्भधारण और पुत्र प्राप्ति के लिए इसका इस्तेमाल कैसे करें?

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पीरियड ख़त्म होते ही शिवलिंगी के पाँच दाने लेकर सुबह-सुबह ख़ाली पेट पानी के साथ इसे निगल लेना चाहिए सिर्फ सात दिनों तक. ध्यान रहे कि इसके बीज दाँतों को टच न करें. इसे निगलने के बाद अगर उल्टी नहीं होती है तो गर्भधारण और पुत्र प्राप्ति की सम्भावना बहुत ज़्यादा होती है. 


यह एक तरह का टोटका वाला प्रयोग है जिसे आधुनिक विज्ञान नहीं मानता है पर, इसे एक-दो बार ट्राई करने में कोई हर्ज नहीं. यहाँ एक बात बता देना चाहूँगा कि अगर पीरियड और गर्भाशय की प्रॉब्लम हो तो उसका कम्पलीट ट्रीटमेंट ज़रूर लें और साथ में इस प्रयोग को भी ट्राई करें. 




तो दोस्तों, अगर पुत्र प्राप्ति या लड़का चाहते हैं तो इसे ज़रूर ट्राई करें और जैसा रिजल्ट रहे कमेंट कर हमें बताएं. शिवलिंगी बीज ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से- 


इसे भी जानिए - 




16 नवंबर 2017

Home Remedy for Cancer | कैंसर की घरेलु चिकित्सा


जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि कैंसर एक मारक रोग है और जिस आदमी को बीमारी हो जाती है उनको ज़िन्दगी से उम्मीद जाने लगती है. पर यदि समय पर इस रोग का पता लग जाये तो बीमारी ठीक हो सकती है. आज जो मैं आसान सा प्रयोग बता रहा हूँ इसके इस्तेमाल से हर तरह के कैंसर में लाभ होता है और कुछ लोगों को इस से कैंसर ठीक होते हुवे भी देखा गया है. तो आईये आज के इस विडियो में जानते हैं इसकी पूरी डिटेल - 

आज जो नुस्खा मैं बता रहा हूँ यह एक तरह का काढ़ा है जिसे जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनाया जाता है. इसके लिए आपको चाहिए होगा- 

रक्त रोहिड़ा की छाल- 

कांचनार की छाल-

पुनर्नवा की जड़ - 

गिलोय - 

हल्दी-

दारूहल्दी-

सहजन की छाल- 

वरुण की छाल-

पीपल की छाल-

कुटकी- 

सभी को बराबर वज़न में लेकर मोटा-मोटा कूटकर रख लें. अब पचास ग्राम इस चूर्ण को 200 ML पानी में उबालें, जब 50 ML पानी बचे तो ठंढा होने पर छानकर इसमें 250 mg शुद्ध शिलाजीत मिक्स कर पी जाना है. इसी तरह इसे सुबह-शाम काढ़ा बनाकर यूज़ करें. 


यह काढ़ा कैंसर रोगियों के लिए आशा की एक किरण है, इश्वर की कृपा से कैंसर दूर हो सकता है. 

ग्लैंड, ग्रंथि, सिस्ट और ट्यूमर वाले कैंसर में इस से सबसे ज़्यादा फ़ायदा होता है. तो दोस्तों, अगर आपके आस पास किसी को कैंसर हो तो इसका प्रयोग कर लाभ ले सकते हैं. इसमें बताई गयी चीजें जड़ी-बूटी या पंसारी की दुकान में मिल जाती हैं. 

 इसे भी जानें - हल्दी के फ़ायदे, हल्दी से कैंसर भगाएं 

13 नवंबर 2017

Best Herbal Medicine for Heart and Heart Disease | अर्जुनारिष्ट(पार्थाधरिष्ट) ह्रदय रोगों की महान औषधि


अर्जुनारिष्ट ह्रदय रोगों या हार्ट डिजीज की एक बेहतरीन दवा है जिसे सदियों से इस्तेमाल किया जाता रहा है. 

यह एक क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो हार्ट की हर तरह की बीमारियों को दूर कर हार्ट को हेल्दी बनाती है, तो आईये जानते हैं अर्जुनारिष्ट के फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल - 

अर्जुनारिष्ट का एक दूसरा नाम पार्थाधरिष्ट भी है पर वैध समाज में यह अर्जुनारिष्ट के नाम से ही प्रचलित है. अर्जुनारिष्ट जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है इसका मेन इनग्रीडेंट अर्जुन की छाल होती है,इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें अर्जुन की छाल, मुनक्का, महुआ के फूल, धाय के फूल और गुड़ का मिश्रण होता है. जिसे आयुर्वेदिक प्रोसेस आसव-अरिष्ट निर्माण विधि से संधान के बाद रिष्ट बनता है. आयुर्वेदिक कंपनियों का यह बना-बनाया मार्केट में हर जगह मिल जाता है. 


अर्जुनारिष्ट के गुण - 

इसके गुणों की बात करें तो यह पित्त और कफ़दोष नाशक, ह्रदय को बल देने वाला, Cardioprotective, बेहतरीन हार्ट टॉनिक और एंटी इंफ्लेमेटरी जैसे गुणों से भरपूर होता है. 

अर्जुनारिष्ट के फ़ायदे  - 

अर्जुनारिष्ट जो है ह्रदय रोगों के लिए एक बेजोड़ दवा है, इसे चीप एंड बेस्ट हार्ट टॉनिक कह सकते हैं. 

यह ह्रदय को बल देता है, हार्ट बीट को नार्मल करता है, हार्ट को मज़बूत करने और हार्ट को प्रोटेक्ट करने के लिए यह एक बेहतरीन दवा है. 

यह ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को भी नार्मल करता है. 

दिल का ज़्यादा धड़कना, पसीना आना, मुंह सुखना, घबराहट, नींद की कमी जैसी प्रॉब्लम इसके इस्तेमाल से दूर होती है. इसका इस्तेमाल करते रहने से हार्ट फेल नहीं होता है. 

हार्ट का वाल्व, बढ़ जाना, सिकुड़ जाना, दिल का दर्द जैसे रोगों में असरदार है. कुल मिलाकर देखा जाये तो हार्ट के रोगों के लिए यह एक बेहतरीन दवा है. 


अर्जुनारिष्ट की मात्रा और सेवन विधि - 

15 से 30 ML तक दिन में दो बार भोजन के बाद बराबर मात्रा में पानी मिलाकर लेना चाहिए. यह बिल्कुल सेफ़ दवा है, लॉन्ग टाइम तक यूज़ कर सकते हैं. बच्चे-बड़े, बूढ़े सभी ले सकते हैं सही डोज़ में. गुड़ की मात्रा मिला होने से डायबिटीज वाले सावधानीपूर्वक यूज़ करें.  इसे ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं निचे दिए गए लिंक से -