सारिवाद्यासव क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो सिरप या लिक्विड फॉर्म में होती है. यह पेशाब और किडनी की बीमारियों में फ़ायदेमंद है. पेशाब की जलन, पेशाब का पीलापन दूर कर यूरिक एसिड, यूरिया और Creatinine और Toxins को निकालता है. गठिया और चर्मरोगों में भी असरदार है क्यूंकि यह खून भी साफ़ करती है. तो आईये जानते हैं सारिवाद्यासव का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
सारिवाद्यासव जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है इसका मेन इनग्रीडेंट सारिवा नाम की जड़ी होती है जिसे अनंतमूल भी कहा जाता है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें -
सारिवा, नागरमोथा, लोध्र, बरगद, पीपल की छाल, कचूर, पद्माख, नेत्रबला, पाठा, आँवला, गिलोय, उशीर, सफ़ेद चन्दन, लाल चन्दन, अजवाइन, कुटकी, छोटी इलायची, बड़ी इलायची, तेजपात, कुठ, हरीतकी और सनाय प्रत्येक 50 ग्राम, धातकी या धाय के फूल 125 ग्राम, मुनक्का 750 ग्राम, गुड़ 3.75 किलो और पानी 6.5 लीटर का मिश्रण होता है.
इसे आयुर्वेदिक प्रोसेस आसव-अरिष्ट निर्माण विधि से बनाया जाता है. बनाने का तरीका यह होता है कि पानी को गर्म कर मिट्टी के घड़े में डालें और फिर सभी जड़ी-बूटियाँ मोटी कुटी हुयी मिक्स कर ढक्कन लगाकर कपडमिट्टी से सील कर तीस दिनों के लिए छोड़ देना होता है. 30 दिनों के बाद अच्छी तरह से छान कर काँच की बोतल में पैक कर रख लिया जाता है.
सारिवाद्यासव के औषधिये गुण -
यह तासीर में ठण्डा, पित्त दोष को कम करता है. वात और कफ़ दोष को बैलेंस करता है. यह पेशाब बढ़ाने और पेशाब साफ़ लाने वाला(Diuretic), किडनी के फंक्शन को सही करने वाला(Nephroprotective), विषैले तत्वों को बाहर निकालने वाला(Detoxifying), Anti-Syphilis, Anti-gout और रक्तशोधक(Blood Purifier) गुणों से भरपूर होता है.
सारिवाद्यासव के फ़ायदे -
जैसा कि शुरू में ही बताया गया है यह किडनी और पेशाब की बीमारियों में बेहद असरदार है. आयुर्वेद के अनुसार यह बीसों प्रकार के प्रमेह, चर्मरोग और वात रोग को दूर करता है.
किडनी का सही से काम नहीं करना(Kidney Dysfunction), पेशाब की इन्फेक्शन(Urinary Tract Infection), पेशाब का पीलापन, पेशाब की जलन, पेशाब से यूरिक एसिड, Creatinine, यूरिया आना और किडनी स्टोन जैसी हर तरह की प्रॉब्लम में इफेक्टिव है.
यह बॉडी से Toxins को निकालता है और खून साफ़ करता है जिस से हर तरह की स्किन प्रॉब्लम और गठिया, जोड़ों के दर्द में भी फ़ायदा होता है.
यह सिफलिस और कारबंकल जैसी बीमारियों में भी फायदेमंद है.
Digestion को इम्प्रूव करता है, नया खून बनाने और प्लेटलेट्स को बढ़ाने में भी मदद करता है. कुल मिलाकर देखा जाये तो यह किडनी, पेशाब की प्रॉब्लम दूर करने और खून साफ़ करने की एक अच्छी दवा है.
सारिवाद्यासव की मात्रा और सेवन विधि-
15 से 30 ML तक बराबर मात्रा में पानी मिलाकर खाना के बाद रोज़ दो बार लेना चाहिए. बच्चों को भी कम डोज़ में दे सकते हैं. यह बिल्कुल सेफ़ दवा है, किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट या नुकसान नहीं होता है, लॉन्ग टाइम तक यूज़ कर सकते हैं. प्रेगनेंसी और ब्रेस्टफीडिंग में इसका इस्तेमाल न करें. बैद्यनाथ, डाबर जैसी आयुर्वेदिक कंपनियों का यह आयुर्वेदिक दवा दुकान में मिल जाता है, इसे ऑनलाइन भी ख़रीद सकते हैं.
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